हादसे के वक्त 65 बच्चे स्कूल में मौजूद थे
हाईटेंशन तार टूटकर नीचे गिरा और घूमकर एक एक गोले में तब्दील हो गया। जमीन के जिस हिस्से को तार टच कर रहा था उसे आग की लपटें निकल रही थीं। उधर घटना की जानकारी होने पर स्कूल में अभिभावकों का जमावड़ा लगने लगा। इस विद्यालय में 112 बच्चों का नाम लिखा है। 60 से 70 प्रतिशत के बीच रोजाना हाजिरी रहती है।
दोहरे संकट में एक सैकड़ा से अधिक जिंदगियां
कन्या पूर्व माध्यमिक कम्पोजिट विद्यालय नैमिषारण्य परिसर में पांव रखने का मतलब जिंदगी को संकट में डालना है। विद्यालय की न तो फील्ड सुरक्षित है और न भवन। दरअसल जो हाईटेंशन लाइन गुजरी है वो फील्ड और भवन दोनों को कवर करती है। तिरछी गुजरी लाइन का एक हिस्सा फील्ड में है और दूसरा कक्षा कक्ष के ऊपर से गुजरा है। गनीमत रही कि तार टूटकर भवन पर नहीं गिरा। नहीं तो बारिश के चलते नमी थी और करंट फैल सकती थी। घटना के बाद से विद्यालय की शिक्षिका, रसोइया और बच्चों के साथ ही अभिभावक डरे हुए हैं।
सीतापुर। तीर्थ नगरी नैमिषारण्य प्राइवेट बस स्टैंड के निकट स्थित कन्या पूर्व माध्यमिक कम्पोजिट स्कूल में शनिवार को हाइटेंशन लाइन टूटने से सुबह अफरा तफरी मची गई। स्कूल के ऊपर से निकल रहा 11 हजार हाईटेंशन लाइन के तार टकरा गए और जलने लगा। बच्चों को स्कूल के सबसे सुरक्षित कक्ष में पहुंचाया। घटना के वक्त स्कूल में 65 बच्चे थे।
सुबह 10 बजे थे। कक्षा कक्षों में बच्चे पढ़ रहे थे। कुछ बच्चे स्कूल परिषर में खेल कूद कर रहे थे। इसी बीच स्कूल के ऊपर से निकली लाइन के तार टकराने लगे। स्पार्किंग की चिंगारियां उठने लगीं। स्पार्किंग इतनी तेज हो गई कि लाइन से आग के गोले नीचे टपकने लगे। इसी के साथ तार टूटकर नीचे गिर गया। सरोई घर में खाना बनाने जा रही रसोइये ने शोर मचाया। स्कूल की शिक्षामित्र रोली मिश्र ने बच्चों को स्कूल के कमरे बिठा दिया और बिजली विभाग के कर्मचारियों को फोन किया। इसके बाद बिजली विभाग के कर्मचारी सक्रिय हुए और लाइन काटी। लाइन कटने के बाद कर्मचारियों टूटे हुए तार को जोड़कर बिजली फिर से दौड़ा दी