सीतापुर। बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों को नौकरी देकर बराबर उनको तनख्वाह देता रहा। जब फर्जी मामला पकड़ में आया तो उनको तत्काल बर्खास्त कर दिया । अब उनसे वेतन की रिकवरी करने में हाथ पांव फूल रहे हैं। करीब एक साल बर्खास्त होने के बाद भी उनसे करीब पांच करोड़ की वसूली में एक भी फूटी कौड़ी नहीं मिल पाई है। बस नोटिस पर नोटिस देकर कागजी घोड़े दौड़ाए जा रहे है।
बेसिक शिक्षा विभाग में तमाम फर्जी शिक्षक गलत अभिलेख बनवाकर नौकरी हथिया ली थी। मथुरा जिले में इसका खुलासा होने पर शासन ने 2010 के बाद नियुक्ति सभी शिक्षकों के अभिलेखों की जांच करने के निर्देश दिए थे। करीब दो साल से यह जांच चल रही है। वहीं फर्जी शिक्षकों की एसआईटी व एसटीएफ भी जांच कर रही है। एसआईटी, एसटीएफ व जिले स्तर की कमेटी ने अब तक 28 शिक्षकों को विभिन्न शिकायतो की जांच के बाद पकड़ा है।
इन लोगों ने फर्जी अभिलेख के सहारे नौकरी हासिल कर ली थी। उसके बाद वह एक से लेकर तीन साल तक नौकरी करते रहे। इन शिक्षकों में कई ऐसे भी थे, जिनके हाल ही में प्रमोशन होने वाले थे। फर्जी अभिलेख मिलने के बाद इनको नौकरी से बर्खास्त किया जा चुका है। अब इनसे वेतन की रिकवरी करने के लिए नोटिसें दी गई हैं। लेकिन हैरत की बात है कि एक साल बाद भी इनसे एक भी पैसा वसूला नहीं जा सका। कई शिक्षक ऐसे भी है जिनको दो से लेकर तीन तक नोटिसें दी जा चुकी हैं। बावजूद इसके एक भी रुपया वसूला नहीं जा सका।