बहराइच (एसएनबी)। ऑनलाइन वीडियो कॉलिंग से मूल्यांकन या निरीक्षण करने की प्रक्रिया को जूनियर शिक्षक संघ ने अव्यवहारिक व भ्रष्टाचार को बढ़ाने वाला बताया है। बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत संचालित विद्यालयों को प्रतिदिन ऑनलाइन निरीक्षण करने का आदेश महानिदेशक बेसिक शिक्षा द्वारा दिया गया है, जिसमें कहा गया है जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के शिक्षकों द्वारा प्रतिदिन 10 विद्यालयों का निरीक्षण ऑनलाइन किया जाए। इस पर जूनियर शिक्षक संघ ने आपत्ति दर्ज कराई है।
जूनियर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विद्याविलास पाठक ने कहा कि सरकार मनमाना रवैया अपना रही है। यह कदम अव्यवहारिक ही नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार को बढ़ाने वाला भी है। उन्होंने कहा कि जब सरकार ने विद्यालय में किसी प्रकार की कोई ऐसी व्यवस्था नहीं कर रखी है, जिससे ऑनलाइन निरीक्षण किया जा सके, तो फिर ऑनलाइन निरीक्षण लागू किया जाना अव्यवहारिक है। शिक्षक कोई भी मोबाइल रखता है या नहीं रखता है यह उसकी मर्जी है। कोई फोन उठाता है, नहीं उठाता है, यह उसकी इच्छा है। किस फोन का जवाब उसको देना है। किस फोन का जवाब नहीं देना है, यह उसकी स्वतंत्रता है। वह डाटा भर वाता है मोबाइल में नहीं भरवाता है, यह उसकी मर्जी है। जबरदस्ती उसके निजी संसाधनों पर अधिकार जमाना न व्यवहारिक है न विधिक है।
ऐसे अव्यवहारिक कदम शिक्षकों की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले हैं। किसी भी विभाग में इस तरह के निरीक्षण नहीं होते हैं, सारे प्रयोग बेसिक शिक्षा में ही किए जा रहे हैं। जबकि शिक्षक और छात्र के अनुपात में न तो शिक्षक नियुक्त हैं। और न पर्याप्त संसाधन विद्यालयों में हैं। ऐसे निरीक्षण भ्रष्टाचार को बढ़ावा देंगे। सरकार शिक्षकों की धैर्य की परीक्षा न ले सभी शिक्षक छात्र हितों के लिए प्रतिबद्ध हैं उन पर अविश्वास करना ठीक नहीं है। अगर विभाग ने यह अव्यवहारिक व्यवस्था खत्म नहीं की, तो संगठन आंदोलन करने पर बाध्य होगा, जिसके जिम्मेदारी विभाग की होगी।