नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा कि सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले भी वार्षिक वेतन वृद्धि पाने के हकदार हैं। शीर्ष अदालत ने यह फैसला राज्य सरकार के स्वामित्व वाली कर्नाटक पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लि. की अपील पर सुनाया।
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने मंगलवार को अपील खारिज कर दी। पीठ ने कहा, कॉरपोरेशन की इस दलील में कोई दम नहीं है कि वार्षिक वेतन वृद्धि एक प्रोत्साहन है जो कर्मचारियों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करती है। और जब कर्मचारी सेवा में नहीं रहता है तो उसे वार्षिक वेतन वृद्धि देने का कोई सवाल ही नहीं उठता। कॉरपोरेशन ने कर्नाटक हाईकोर्ट की खंडपीठ के निर्णय को चुनौती दी थी। इस फैसले में कहा गया था कि कर्मचारी वार्षिक वेतन वृद्धि के हकदार थे, भले ही वे उसके अगले ही दिन रिटायर हो गए हों।
दंड या दक्षता के आधार पर ही रोक का विकल्प
पीठ ने कहा, कर्मचारी को एक वर्ष की सेवा के दौरान उसके अच्छे आचरण के आधार पर वार्षिक वृद्धि प्रदान की जाती है। ऐसे में इसको अगर दंड के रूप में रोका न गया हो या उसे दक्षता के साथ जोड़ा न गया, तो अच्छे आचरण वाले कर्मियों को वार्षिक रूप से वेतन वृद्धि दी जाएगी।
वेतन वृद्धि प्रदान की गई सेवा के लिए
पीठ ने आगे कहा, वार्षिक वेतन वृद्धि के लाभ की पात्रता पहले से प्रदान की गई सेवा के कारण है। सिर्फ इसलिए की कोई कर्मचारी अगले दिन सेवानिवृत्त होने वाला है, उसे वार्षिक वेतन वृद्धि के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता जिसे उसने गुजरते साल के दौरान अच्छी सेवा के लिए अर्जित किया है।