भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कर्ज लेने वालों को एक बड़ी राहत दी है। ईएमआई में चूक पर बैंक भारी जुर्माना नहीं वसूल सकेंगे। केंद्रीय बैंक ने कहा, बैंक ऋण चूक पर लगाए गए दंडात्मक शुल्क का पूंजीकरण नहीं कर सकेंगे। इसका मतलब है कि इस शुल्क को अलग से वसूला जाएगा और इसे बकाया मूलधन में नहीं जोड़ा जाएगा।
केंद्रीय बैंक के इस कदम से ऋण चूक की स्थिति में ग्राहकों पर लगने वाले अतिरिक्त ब्याज को रोकने में मदद मिलेगी। आरबीआई के मौजूदा दिशा-निर्देशों के तहत कर्जदाताओं के पास दंडात्मक शुल्क की वसूली के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति को लागू करने की आजादी है।
कर्ज में चूक पड़ती है भारी
यदि आप कर्ज चुकाने में 60 दिनों की देरी करते हैं तो बैंक इसके बाद आपको नोटिस भेजता है। 60 दिनों से अधिक की देरी पर बैंक कर्ज को एनपीए घोषित कर देता है। इसके बाद बैंक कर्ज की वसूली के लिए रिकवरी एजेंट्स भेजते हैं। इससे आपका सिबिल स्कोर भी खराब होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बैंक छह माह तक छूट दे सकते हैं