ईपीएफओ अधिक अंशदान को सहमति का प्रमाण न मांगे
पीएफ में ऊंचे रिटर्न के लिए निवेश नियम बदला
नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अंशाधारकों को ऊंचा रिटर्न देने और बाजार की अस्थिरता से आय को बचाने के लिए एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश की निकासी की नीति को संशोधित करने का फैसला किया है। ब्योरा P15
कोच्चि, एजेंसी। केरल हाईकोर्ट ने ईपीएफओ से कहा है कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को पूर्व सहमति का प्रमाण प्रस्तुत किए बिना अधिक अंशदान का विकल्प चुनने की अनुमति दे। इसके लिए कोर्ट ने ईपीएफओ को ऑनलाइन प्रणाली में प्रावधान करने का निर्देश भी दिया।
न्यायमूर्ति जियाद रहमान ए.ए ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह अंतरिम आदेश दिया। इसमें कहा गया कि उल्लेखित सुविधाएं उच्च न्यायालय के 12 अप्रैल के आदेश की तारीख से 10 दिनों के भीतर उपलब्ध कराई जाएं। याचिका में कहा गया था कि अधिक योगदान का विकल्प चुनते समय पूर्व अनुमति की एक प्रति देनी होती है, जो ईपीएफ योजना, 1952 के तहत अनिवार्य है। ईपीएफओ ने इसके लिए कभी जोर नहीं दिया और कहा, लाभ पाने के लिए यह जरूरी है। इस पर कोर्ट ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने विकल्प जमा करने के लिए अंतिम तारीख तीन मई, 2023 तय की है और ईपीएफओ अब पूर्व सहमति के प्रमाण पर जोर दे रहा है।