प्रदेश की योगी सरकार बेटियों को सक्षम और सशक्त बनाने के साथ ही अब उन्हें आत्मरक्षा में भी निपुण बनाने जा रही है। सरकार वीरांगना लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के तहत प्रदेश के 45 हजार से ज्यादा सरकारी विद्यालयों में दो लाख से ज्यादा बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाएगी। इस मॉड्यूल के तहत 6 दिनों का कार्यक्रम रविवार को जारी कर दिया गया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को बेसिक शिक्षा विभाग के तहत स्कूल चलो अभियान की शुरुआत के साथ ही वीरांगना लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के मॉड्यूल का भी विमोचन किया था। इस मॉड्यूल के तहत प्रदेश के 45 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली 2 लाख छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। जिसमें उन्हें प्रशिक्षण के साथ-साथ आत्मरक्षा के महत्व के बारे में भी बताया जाएगा। साथ ही उन्हें विभिन्न ग्रुप डिस्कशन के माध्यम से ईव टीजिंग, साइबर बुलींग, एसिड अटैक जैसी चीजों के बारे में भी अवेयर किया जाएगा। इसके अलावा खेलकूद के माध्यम से छात्राओं को शारीरिक रूप से भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा।
11-14 वर्ष की छात्राओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण
बेसिक शिक्षा विभाग के तहत संचालित परिषदीय एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में नामांकित छात्राओं को मानसिक तथा शारीरिक रूप से शक्तिशाली बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश सरकार इस कार्यक्रम को संचालित करने जा रही है। योजना के तहत 11 से 14 वर्ष की छात्राओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया जाएगा। छात्राओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के साथ-साथ मानसिक रूप से संतुलित एवं किसी भी अप्रत्याशित घटना के विरुद्ध सशक्त होने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। विद्यालयों में तैनात शारीरिक व्यायाम शिक्षक व अनुदेशकों द्वारा प्रत्येक कार्य दिवस में एक घंटे की अवधि का सत्र आयोजित किया जाएगा। इस सत्र में व्यायाम, योग, साफ-सफाई के साथ आत्मरक्षा से संबंधित प्रशिक्षण को शामिल किया गया है। शुरुआत में शारीरिक शिक्षकों व अनुदेशकों के लिए जनपद स्तर पर 6 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
1200 प्रशिक्षकों की होगी स्पेशल ट्रेनिंग
इस मॉड्यूल के तहत 50-50 के बैच में 1200 शारीरिक शिक्षकों को एक सप्ताह तक स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। इसकी अवधि प्रतिदिन 6-8 घंटे (सोमवार-शनिवार) होगी। प्राथमिक कवरेज के तहत सभी 75 जनपदों में संचालित 45000 सरकारी विद्यालयों में कक्षा 6, 7 व 8 (11-14 वर्ष आयु) की छात्राओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के बाद उन्हें मूल्यांकन व प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण में बालिकाओं के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के आवासीय विद्यालयों को शामिल किया जाएगा। प्रशिक्षण मॉड्यूल के अनुसार एक प्रशिक्षक और एक सहायक 50 प्रशिक्षणार्थियों के लिए नियुक्त किए जाएंगे। परियोजना के लिए सलाहकार एजेंसी के रूप में महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन (डब्ल्यूसीएसओ) 1090 का सहयोग लिया गया है।