प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के बिना छुट्टी गायब रहने का सिलसिला जारी है। बेसिक शिक्षा विभाग ने भी इस पर सख्ती शुरू कर दी है। मार्च में अनुपस्थित मिले 15 शिक्षक निलंबित कर दिए गए हैं, जबकि 1371 का वेतन रोक दिया गया है। साथ ही अन्य शिक्षकों पर भी कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।
विभाग की ओर से जिला स्तर पर जिलाधिकारी, सीडीओ, बीएसए, बीईओ व शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों की अलग-अलग टीम नियमित स्कूलों का निरीक्षण कराया जा रहा है। इसके तहत दिसंबर से मार्च के बीच पूरे प्रदेश में लगभग 16 हजार शिक्षक अनुपस्थित मिले थे। जिनका वेतन रोकने व कारण बताओ नोटिस जारी करने की कार्यवाही करते हुए चेतावनी दी गई थी।
हालांकि इसके बाद भी इसमें सुधार नहीं हुआ। विभाग की ओर से 13 से 31 मार्च तक दोबारा निरीक्षण कराने पर फिर काफी संख्या में शिक्षक अनुपस्थित मिले हैं। अब तक 34 जिलों से मिली रिपोर्ट में 3343 शिक्षक अनुपस्थित मिले हैं। इस पर सख्ती करते हुए 15 शिक्षकों को निलंबित, 1371 का वेतन रोकने व 683 से स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही अन्य जिलों से भी अनुपस्थित शिक्षकों पर कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। वहीं नए सत्र 2023-24 में नियमित निरीक्षण के लिए भी कहा गया है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि विद्यालयों में पठन-पाठन व मध्यान्ह भोजन वितरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अप्रैल-मई में विद्यालयों के निरीक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि हाल की रिपोर्ट में यह पाया गया कि एडेड विद्यालयों व मदरसों के स्थलीय निरीक्षण की संख्या काफी कम है। उन्होंने इनके भी नियमित स्थलीय निरीक्षण को कहा है। उन्होंने निरीक्षण में किताबों के वितरण, ऑपरेशन कायाकल्प, निपुण भारत के लक्ष्यों की स्थिति भी देखने को कहा है।