परिषदीय स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता परखने के लिए शासन स्तर से निपुण भारत अभियान चलाया जा रहा है। इस विशेष अभियान के तहत परिषदीय विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं में शिक्षा की गुणवत्ता का विकास किया जा रहा है। इसके लिए ब्लाॅकों व नगर के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। बीएसए डॉ. गोरखनाथ पटेल ने बताया कि विद्यालयों असेसमेंट टेस्ट भी कराया गया। इसमें 299 स्कूल को निपुण पाया गया। बीएसए ने स्कूलों के शिक्षकों को बधाई दी। ————————-
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क्या है निपुण अभियान
बीएसए के अनुसार, निपुण भारत अभियान का उद्देश्य बच्चों में शैक्षिक स्तर को बढ़ाना है। इसके लिए कक्षावार मानक तय किए गए है। भाषा में बाल वाटिका के बच्चों के लिए निर्धारित सूची में से दो अक्षर वाले पांच शब्दों का सही उच्चारण तय है। वहीं, कक्षा तीन के बच्चों को 60 शब्द प्रति मिनट उच्चारण निर्धारित है। 75 फीसदी प्रश्नों का सही उत्तर देने पर बच्चों को निपुण माना जाता है। इसी तरह गणित में बाल वाटिका के बच्चे 10 तक की संख्या पढ़ लेते हैं। अन्य कक्षाओं के लिए भी मानक रखा गया है।