लखनऊ, । तपती धूप और गर्म हवाएं स्कूली बच्चों के लिए आफत बन गए हैं। मंगलवार दोपहर अंगारे बरसाती धूप के बीच करीब एक से दो बजे तक छुट्टी होने पर स्कूल से निकले बच्चे चटख धूप और गर्म हवाओं से बेहाल हो गए। बचने के लिए कुछ बच्चों ने कैप लगाए थे तो कुछ के अभिभावक सिर और मुंह कपड़े से ढककर निकले। अधिकांश अभिभावक छाते की छांव में उन्हें लेकर घर रवाना हुए। कई बच्चे पानी पीने के साथ सिर और मुंह धुलते नजर आए। कई दिनों से चटख धूप और गर्म हवाओं के बावजूद स्कूल प्रबंधन कक्षाओं के समय में बदलाव नहीं कर रहे हैं। बच्चों की बुरी हालत से परेशान अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन से छुट्टी का समय दोपहर 12 से पहले करने की गुहार लगाई है।
समय बदलने की गुहार
प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण स्नातक एसोसिएशन और उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने गर्मी के चलते प्राइमरी स्कूलों का समय बदलने का आग्रह किया है। मुख्य सचिव और स्कूल महानिदेशक को भेजे पत्र में स्कूल का समय सुबह सात से दोपहर 12 के बीच गुहार लगाई है। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण स्नातक एसोसिएशन के प्रान्तीय अध्यक्ष विनय सिंह, महामंत्री आशुतोष मिश्रा, प्राथमिक शिक्षक संघ जिला अध्यक्ष सुधांशु मोहन, मंत्री वीरेन्द्र सिंह का कहना है कि 40 से 42 डिग्री तापमान में बच्चे दोपहर दो बजे तक पढ़ने के लिए मजबूर हैं।
42 डिग्री पारा और धूप से बच्चों को नुकसान
- 41-42 डिग्री तापमान, तीखी धूप छह से 14 साल के बच्चों की सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह है। धूप में ज्यादा देर तक रहने से शरीर में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन के साथ उल्टी-दस्त हो सकती है।
- गर्मी से सिर दर्द, बुखार, सर्दी-खांसी की आशंका बढ़ जाती है। कोरोना के चलते बच्चों का खास ख्याल रखना होगा। धूप से बचने को कैप और छाते का प्रयोग करें।
जैसा डफरिन अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान खान ने बताया