प्रयागराज। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की सम्मिलित राज्य / प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) परीक्षा से किनारा कर लिया है। पीसीएस- 2023 में तेजी से घटे आवेदनों की संख्या इसी ओर इशारा करती हैं। पीसीएस 2023 में पाठ्यक्रम परिवर्तन इसकी प्रमुख वजह मानी जा रही है।
पीसीएस- 2023 के लिए 567657 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं, जो पिछली तीन परीक्षाओं की तुलना में कम हैं। आवेदन करने वालों में 392733 पुरुष और 174924 महिला अभ्यर्थी शामिल हैं। इससे पूर्व की तीन परीक्षाओं के आंकड़े देखें तो पीसीएस- 2020 में 595696 अभ्यर्थियों, पीसीएस 2021 में 691173 अभ्यर्थियों और पीसीएस- 2022 में 602974
अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे।
आवेदनों की संख्या घटने के पीछे दो प्रमुख वजहें मानी जा रहीं हैं। पूर्व की परीक्षाओं के मुकाबले इस बार पदों की संख्या काफी कम है। पीसीएस 2023 के तहत 173 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए हैं, जबकि पीसीएस 2020 में 487 पद, पीसीएस- 2021 में 678 और पीसीएस 2022 में 383 पद थे। वहीं, दूसरी ओर पीसीएस- 2023 की मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम में परिवर्तन को आवेदनों की संख्या घटने का सबसे प्रमुख कारण माना जा रहा है।
आयोग ने पीसीएस- 2018 से मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम में परिवर्तन किया था और संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा की तर्ज पर ही पीसीएस का पाठ्यक्रम निर्धारित कर दिया था। इसके बाद आवेदकों की संख्या तेजी से बढ़ी। बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थी भी पीसीएस परीक्षा में शामिल होने लगे, जो पहले केवल आईएएस परीक्षा को केंद्र में रखकर
इनमें से ज्यादातर अभ्यर्थी तो केवल खुद का मूल्यांकन करने के लिए पीसीएस परीक्षा में शामिल होने लगे। आयोग ने पीसीएस 2023 से मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम बदल दिया है। मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषयों को पूरी तरह से हटा दिया गया है और उनकी जगह सामान्य लिया है। अध्ययन के यूपी विशेष दो प्रश्नपत्र शामिल किए गए हैं। इसके साथ ही आयोग ने पीसीएस- 2022 का परिणाम समय से जारी करते हुए सत्र पूरी तरह से पटरी पर कर दिया है।
अब यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा और यूपीपीएससी की पीसीएस परीक्षा का सत्र समानांतर हो गया है। पीसीएस में पाठ्यक्रम परिवर्तन के कारण अब आईएएस और पीसीएस परीक्षाओं की तैयारी अलग करनी होगी। ऐसे में दोनों परीक्षाओं की तैयारी एक साथ करना अभ्यर्थियों के लिए मुश्किल होगा। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि इसी वजह से आईएएस परीक्षा को केंद्र में रखकर तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों ने इस बार पीसीएस से किनारा कर
हालांकि, इससे उन अभ्यर्थियों के लिए स्पर्धा कम हो गई है जो केवल पीसीएस को केंद्र में रखकर तैयारी कर रहे थे। इनमें ज्यादातर संख्या पूर्वी यूपी के हिंदी माध्यम और मानविकी विषयों के अभ्यर्थियों की है। ऐसे अभ्यर्थियों के
लिए चयन के अवसर बढ़ गए हैं।