दिल्ली। सरकार यूपीआई भुगतान प्रणाली के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे की फंडिंग और इसकी वित्तीय व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए ऐसे लेनदेन सुविधा पर 0.3 फीसदी का एकसमान शुल्क लगाने पर विचार कर सकती है।
आईआईटी बॉम्बे के अध्ययन में कहा गया है कि 0.3 फीसदी की सुविधा शुल्क से 2023-24 में 5,000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं। मोबाइल वॉलेट के जरिये होने वाले भुगतान पर विनिमय शुल्क लगाने के भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के फैसले के प्रभावों के विश्लेषण वाले अध्ययन में कहा गया है, दुकानदारों को मिलने वाले भुगतान पर कोई शुल्क नहीं लगना चाहिए। चाहे वह यूपीआई से आए या प्रीपेड ई-वॉलेट से । एनपीसीआई ने दुकानदारों को यूपीआई से भुगतान करने पर एक अप्रैल से भुगतान राशि का 1.1% का इंटरचार्ज शुल्क काटने का प्रावधान शुरू किया है।