लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में सुधार की कवायद एक कदम चलती है तो व्यवस्था को पटरी पर उतारने वाले दो कदम आगे चलते हैं। हालिया मामला जिलों में विभिन्न प्रकरणों में जांच करने जाने वाले अधिकारियों का है। जब ये जिलों में किसी मामले की जांच या कोर्ट में पैरवी के लिए जा रहे हैं तो वहां के अधिकारियों-शिक्षकों से आवभगत करवा रहे हैं।
विभाग की ओर से हाल के महीनों में विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति, खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) के खिलाफ मिली शिकायतों व अन्य व्यवस्थाएं जांचने के लिए जिलों में टीमें भेजी गई थीं। समग्र शिक्षा के तहत जिला व विकास खंड स्तर पर चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों के स्थलीय निरीक्षण के लिए भी टीमों का गठन किया था। इसी तरह कई बार अधिकारी कोर्ट में पैरवी के लिए भी जाते हैं।
बेसिक शिक्षा निदेशालय को शिकायत मिली है कि ये अधिकारी जिलों में अपनी पूरी आवभगत करा रहे हैं। उनकी यात्रा से लेकर रहने-खाने तक की व्यवस्था जिले के अधिकारियों शिक्षकों की ओर से कराई जा रही है। इसे लेकर निदेशालय ने नाराजगी जताते हुए सख्ती शुरू कर दी है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने शिकायतों का संज्ञान लेते हुए इसे निर्धारित प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने निर्देश दिया है कि किसी भी जिले या विकास खंड में भ्रमण, निरीक्षण, कोर्ट केस व शासकीय कार्य के लिए जाने वाले अधिकारी होटल में रुकने, खानपान, यात्रा और वाहन की व्यवस्था खुद करें। इसके बिल बाउचर विभाग में देकर उसकी प्रतिपूर्ति कराएं। कोई भी अधिकारी जिला स्तर से किसी प्रकार का भुगतान नहीं कराएगा, अन्यथा संबंधित अधिकारी का उत्तरदायित्व तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी