माध्यमिक विद्यालय के बच्चों की भाषा दक्षता बढ़ाने के लिए कोशिशें शुरू हो गई हैं। प्रत्येक मंडल मुख्यालय के जिले में एक राजकीय विद्यालय में विदेशी भाषा पढ़ाने की सुविधा और पार्ट टाइम शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी। अगले दो सालों में स्कूलों में लैंग्वेज लैब भी स्थापित की जाएंगी। इसकी जिम्मेदारी यूपी बोर्ड और संस्कृत शिक्षा परिषद के सचिव को दी गई है।
पठन-पाठन में हिन्दी, संस्कृत, आधुनिक एवं प्राचीन भारतीय भाषाओं पर बल दिया जाएगा। प्रत्येक जिले में एक राजकीय विद्यालय में दूसरे प्रदेश की आधुनिक भारतीय भाषाएं भी पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी। मंडल मुख्यालय के एक राजकीय विद्यालय की लाइब्रेरी में शास्त्रत्त्ीय भाषाओं के साहित्य की उपलब्धता और छात्रों के लिए विकल्प के रूप में इन भाषाओं के अध्ययन के लिए ऑनलाइन मॉड्यूल तैयार किए जाएंगे।
छात्र-छात्राओं की सुधारेंगे अंग्रेजी
प्रयागराज। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों की अंग्रेजी सुधारने के लिए पहली बार कवायद शुरू हुई है। इन स्कूलों के अंग्रेजी विषय के शिक्षकों का प्रशिक्षण आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान (ईएलटीआई) में मंगलवार को शुरू हुआ।
यह कार्यक्रम मुख्य रूप से एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों के शिक्षण पर आधारित है और इसमें भाषाविज्ञान और ध्वनि पर विशेष जोर देने के साथ अंग्रेजी पढ़ाने के लिए नई पद्धतियों और शिक्षाशास्त्रत्त् को शामिल किया गया है। इसमें गद्य, कविता, नाटक, व्याकरण व भाषा कौशल जैसे अंग्रेजी भाषा शिक्षण के विभिन्न पहलू शामिल हैं। ईएलटीआई के प्राचार्य डॉ. स्कंद शुक्ल ने बताया कि दस मई तक छह चरणों में कुल 285 मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
● हिन्दी, संस्कृत, आधुनिक एवं प्राचीन भाषा पर भी जोर
● भाषाओं के अध्ययन के लिए ऑनलाइन मॉड्यूल बनाएंगे
600 स्कूलों में बनाए जाएंगे आर्ट रूम
कला और शिल्प के माध्यम से विद्यार्थियों में संस्कृतियों एवं विरासत के संरक्षण तथा कलाकृतियों और छवियों को महत्व देने की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए 600 माध्यमिक विद्यालयों में आर्ट रूम का निर्माण भी प्रस्तावित है। अधिकारियों का मानना है कि रचनात्मक गतिविधियों में संलग्न होने से बच्चों को सकारात्मक, मूर्त और सार्थक तरीके से खुद को व्यक्त करने और सक्षम बनने का अवसर मिलेगा।