जौनपुर/दुल्लहपुर। श्री महंत रामाश्रय दास स्नातकोत्तर महाविद्यालय भुड़कुड़ा के प्रबंधक और प्राचार्य के बीच विवाद काफी बढ़ गया है। इस विवाद की वजह से यहां तैनात शिक्षक और शैक्षणिक कर्मचारियों का वेतन तीन महीने से अटका हुआ है। इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक जांच कमेटी गठित कर रिपोर्ट मांगी है। अभी जांच चल रही है। सबको जांच रिपोर्ट का इंतजार है।
प्राचार्य डॉ. बृजेश जायसवाल का आरोप है कि उनको षड्यंत्र के तहत परेशान किया जा रहा है और पद से हटाने की साजिश चल रही है, जबकि उनका चयन आयोग से हुआ है। प्रबंधक डॉ. विजय कृष्ण सिंह ने पिछले दिनों उनकी कार्यमुक्ति का आदेश जारी करते हुए उनके कनिष्ठ डॉ. सर्वेश्वर प्रताप सिंह को दूसरी बार प्राचार्य का कार्यभार ग्रहण करा दिया। जिससे डॉ. बृजेश जायसवाल पूर्वांचल विश्वविद्यालय पहुंचे और मामले से कुलपति व कुलसचिव को अवगत कराया। विश्वविद्यालय ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाते हुए प्रकरण की जांच करने और अंतिम निर्णय होने तक प्रबंधक के कार्यालयी आदेश को प्रभाव शून्य कर दिया।
इस मामले में महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष महंत शत्रुघ्न दास ने भी कहा कि प्रबंधक ने गलत तरीके से प्राचार्य को निलंबित किया। जबकि वह साधारण सभा के भी सदस्य नहीं हैं। इस बारे में जब प्रबंधक विजय कृष्ण सिंह से मोबाइल पर वार्ता हुई तो उन्होंने व्यस्त होने की बात कहते हुए वार्तालाप करने से इनकार कर दिया। इस झगड़े में मूल समस्या यथावत बनी हुई है। ऐसे में महाविद्यालय के शिक्षकों और कर्मियों का वेतन अटका हुआ है। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन इस विवाद को निजी मामला बता रहा है, हालांकि मामले की जांच चल रही है।
कहां तक पहुंची जांच
इस मामले में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में सोमवार को दोपहर दो बजे के बाद जांच कमेटी के सामने प्राचार्य डॉ बृजेश कुमार जायसवाल और प्रबंधन समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न दास पहुंचे। उन्होंने कमेटी को मौखिक बयान दिए। अध्यक्ष से कमेटी ने महाविद्यालय में प्रबंध समिति की बैठक, प्राचार्य की नियुक्ति और कर्मचारियों के वेतन व बिल आदि मुद्दों पर जानकारी ली।उनके लिखित बयान बुधवार तक आने की बात कही गई है। इस मामले में प्रबंधक डॉ. विजय कृष्ण सिंह ने अपना पक्ष 23 मार्च को ही कमेटी के सामने रख दिया है। अध्यक्ष और प्राचार्य के लिखित बयान आने के बाद कमेटी फैसला करेगी। कमेटी में प्रो.सुरेश कुमार पाठक, प्रो. देवराज सिंह और प्रो. राम नारायण शामिल हैं।
विश्वविद्यालय ने बताया नियम विरुद्ध
यह उनका निजी मामला है उसमें विश्वविद्यालय का बहुत हस्तक्षेप नहीं है। वैसे जब मामला आया था तो जिस प्राचार्य को हटाया गया था। उसमें विश्वविद्यालय ने पत्र जारी किया है कि यह नियम विरुद्ध है। बाकी उस मामले में हम लोगों का कोई रोल नहीं है। कमेटी बनी है, उसकी रिपोर्ट का इंतजार है।
- प्रो. निर्मला एस मौर्य, कुलपति- वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय-जौनपुर
भुड़कुड़ा पीजी कॉलेज के मामले में कमेटी गठित हुई है, जांच रिपोर्ट आने पर आगे की कार्यवाही होगी। प्राचार्य और प्रबंधक के बीच क्या विवाद चल रहा है उसकी जानकारी हमें नहीं है। यह उनका अपना निजी मामला है। विश्वविद्यालय प्रशासन का उससे कोई मतलब नहीं है।-महेंद्र कुमार, कुलसचिव पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर
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