स्कूलों के बाहर बच्चों के अभिभावकों के वाहनों से लगने वाले जाम को लेकर स्कूल प्रशासन जहां लापरवाह बना हुआ है, वहीं डीएम और सख्त हो गए हैं। स्कूल प्रशासन अगर अभिभावकों के वाहन परिसर में पार्क नहीं कराया है तो बाहर अभिभावकों के वाहनों के पार्किंग के खिलाफ चालान की कार्रवाई तय है। डीएम ने एडीसीपी ट्रैफिक को चालान काटने निर्देश 10 अप्रैल से दिए हैं।
जिला प्रशासन और स्कूल प्रबंधन के साथ पहली बैठक बीते 24 मार्च को होने के बाद 15 का समय दिया गया था। जिसमें स्कूल प्रबंधन को अभिभावकों के वाहन परिसर में खड़ा करने के निर्देश दिए गए थे।
ऐसे में मियाद पूरा होने पर अब स्कूलों के बाहर सड़क पर पार्किंग करने वाले वाहनों के खिलाफ चालान की कार्रवाई मोबाइक से फोटो खींचकर की जाएगी। डीएम ने अभिभावकों से अपील किया है कि वह अपने बच्चों को स्कूल बस और वैन से भेजें। इसके लिए स्कूल प्रबंधन को हर रूट पर वाहन चलाने और वाहनों के फिटनेस बेहतर करने के भी निर्देश दिए।
स्कूलों के लिए डीएम की ओर से जारी दिशा-निर्देश
● स्कूल के सभी गेट, सड़क की ओर सीसीटीवी कैमरे लगाएं
● सीसीटीवी के डीवीआर की रिकॉर्डिंग 60 दिन तक रखी जाए
● स्कूल खुलने से एक घंटा पहले और बाद की रिकॉर्डिंग करें
● बच्चों के आने जाने के साधन का कम्प्यूटर पर ब्योरा रखें
● जिसके वाहन की वजह से जाम लग रहा है उसे फोन करें
● स्कूल के भीतर ही अभिभावकों के वाहनों की पार्किंग कराएं
● स्थान नहीं तो आसपास कोई खाली जगह पार्किंग के लिए लें
● स्कूल के बाहर बिना ड्राइवर के कोई वाहन न पार्क हो
● ऐसा होने पर वाहन ड्राइवर की आरसी जब्त की जा सकती है
● ज्यादा से ज्यादा बच्चों को बसों, वैन से स्कूल लाने की व्यवस्था
छुट्टी के समय में अंतर रखना होगा
डीएम ने निर्देश दिया कि विभिन्न कक्षाओं की छुट्टी अलग-अलग समय में करें। इससे स्कूल के बाहर एक साथ वाहनों का जमावड़ा नहीं लगेगा। साथ ही प्रत्येक स्कूल को अपने ट्रैफिक कंट्रोल रूम का पुलिस से समन्वय रखना होगा।
स्कूल प्रबंधकों को एक सुझाव यह दिया गया था कि अभिभावकों के वाहन एक गेट से इंट्री करते हुए दूसरे गेट से बाहर कर दें। इस सुझाव पर अमल में लाने पर काफी हद से स्कूलों के बाहर अभिभावकों के वाहनों से लगने वाले जाम से राहत मिल सकती हैं।
- रईस अख्तर, डीसीपी ट्रैफिक, लखनऊ