प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएससी) के उप सचिव को शासन ने शिक्षक भर्ती पूरी होने तक आयोग में ही रोक दिया है। वह आयोग में पांच साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर आए थे और सोमवार को उनका कार्यकाल पूरा हो रहा था, हालांकि, आयोग में अध्यक्ष का पद और सदस्यों के चार पद खाली होने से कोरम के अभाव में विज्ञापन संख्या-51 के तहत अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती फंसी हुई है। इन पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया अगस्त 2022 में ही पूरी हो चुकी है, लेकिन अब तक परीक्षा तिथि घोषित नहीं की गई है।
वहीं, उच्च शिक्षा के उप सचिव कैलाश नाथ राम की ओर से सोमवार शाम आदेश जारी किया गया कि तत्काल प्रभाव से डॉ. शिवजी मालवीय को उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में विज्ञापन संख्या-51 के तहत परीक्षा की समस्त कार्यवाही पूरी होने तक उप सचिव के पद पर पुन: प्रतिनियुक्ति पर तैनात किया जाता है। डॉ. शिवजी मालवीय की मूल तैनाती हेमवती नंदन बहुगुणा राजकीय पीजी कॉलेज, नैनी में जंतु विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुई थी।
वह चार अप्रैल 2022 को प्रतिनियुक्ति पर आयोग के उप सचिव के पद पर तैनात किए थे। तीन अप्रैल को उनका कार्यकाल पूरा हो रहा था, लेकिन शासन ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया पूरी होने तक उन्हें उप सचिव के पद पर पुन: प्रतिनियुक्ति पर तैनात कर दिया। हालांकि, अब भी सवाल बना हुआ है कि जब आयोग में कोरम पूरा नहीं हो रहा तो असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया कैसे पूरी होगी।
शासनादेश में भी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग पूरी कराएगा या नए शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के बाद भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। अध्यक्ष एवं दो सदस्यों का कार्यकाल इसी वर्ष फरवरी के पहले सप्ताह में पूरा हो चुका है, लेकिन नए अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं की गई है। ऐसे में भर्ती को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है।