उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय अब गुमसुम बच्चों के बारे में छह महीने का ऑटिज्म (स्वालीनता) जागरूकता पाठ्यक्रम संचालित करेगा। इसके अलावा मोबाइल एप इस्तेमाल करने के लिए प्रमोटिंग डिजिटल प्लेटफार्म नाम से भी नया पाठ्यक्रम चलाएगा। इसके साथ ही कार्मकांड एवं ज्योतिष में डिप्लोमा की पढ़ाई होगी। चारों पाठ्यक्रमों पर विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल की मुहर लग चुकी है। जुलाई सत्र से होने वाले दाखिले के लिए चारों नए पाठ्यक्रम शामिल किए गए हैं। विश्वविद्यालय ने कोर्स को तैयार कर लिया है।
ऑटिज्म एक मानसिक रोग है। बच्चे इस रोग के अधिक शिकार होते हैं। एक बार ऑटिज्म की चपेट में आने के बाद बच्चे का मानसिक संतुलन संकुचित हो जाता है। इससे वह परिवार और समाज के लोगों से दूर रहने लगता है। ऐसे में अब विश्वविद्यालय ने इस पर जागरूकता पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया। इसके अलावा आधुनिकीकरण के युग में लगातार एप का इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में उसके इस्तेमाल के तरीके आदि को लेकर भी नए पाठ्यक्रम भी संचालित किए जाएंगे। यह दोनों जागरुकता पाठ्यक्रम छह महीने के होंगे। कुलपति प्रो. सीमा सिंह ने बताया कि चार नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। आटिज्म, प्रमोटिंग डिजिटल प्लेटफार्म, ज्योतिष और कर्मकांड नए कोर्स का संचालन जुलाई सत्र से होगा।