कंपोजिट विद्यालय समदा सहोदर का मध्याह्न भोजन सरकारी मद के बजाय मौजूदा वक्त प्रधानाध्यापक की जेब से एक रहा है। प्रधानपुत्र ने कमीशन के चक्कर में छह महीने से एमडीएम का भुगतान रोक रखा है। प्रधानपुत्र कितना निर्भीक है इस बात का खुलासा सीडीओ स्तर पर गठित की जांच कमेटी की रिपोर्ट से पता चलता है। रिपोर्ट का सच उजागर होने के बावजूद बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से इस प्रकरण पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई हैभिटौरा शिक्षाखंड के विद्यालय में छह महीने से प्रधानाध्यापक को ऐसा करना पड़ रहा है ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि प्रधानपुत्र पर एक माननीय का वरदहस्त है। जिस कारण बेसिक शिक्षा विभाग के मुखिया भी चुपचाप तमाशा
देखन को मजबूर नजर आ रहे हैंप्रधानपुत्र ने सीडीओ को एमडीएम में बच्चों की संख्या बढ़ाने को लेकर प्रधानाध्यापक के खिलाफ शिकायत की ।। साडीओ ने एक जाँच कमेटी बनाई थी जिसमे डीआईओएस व जीजीआईसी हुसैनगंज से जाँच करके आख्या मांगी थी। जाँच कमेटी की रिपोर्ट सबकुछ सही पाया गया लेकिन उसके बाद भी भुगतान नहीं किया गया ऐसे सवाल यह उठताहै कि इस प्रधानपुत्र सफाई कमी पर जिले के अधिकारी कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे है आखिर कब तक प्रधानाध्यापक अपने वेतन से बच्चों को मचान्ह भोजन कर स्वाद दे सकते हैं। सवाल तो बेसिक शिक्षा अधिकारी पर भी है जो अपने अधीनस्थ का सहयोग करने के बजाय जांच का बहाना करते हुए पल्ला झाड़ रहे हैं।
🔶कमीशन न मिलने पर प्रधान पुत्र उदासीन, सच उजागर होने पर भी नहीं हुई कार्रवाई