प्रयागराज, ट्रिपलआईटी में नई शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन विषय पर शुक्रवार को कार्यशाला हुई। मुख्य अतिथि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास काशी प्रांत के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर एवं विश्वगुरु बनाने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सभी तत्व मौजूद है। उसे अब धरातल पर लाना हम सभी की जिम्मेदारी है।
निदेशक प्रो. मुकुल शरद सुतआवने ने ज्ञानार्जन और उसे लोगों तक बांटने को भारतीय शिक्षा का मूल सूत्र बताया। बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति प्रो. संजय सिंह ने कहा कि लखनऊ शहर के बाहर पांच गांवों को गोद लिया गया है, जहां कई तरह के कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। राज्य विवि के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह ने विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्ति के लिए कैंपस तक लाने को शिक्षा नीति के लिए एक बड़ी चुनौती बताया। मुक्त विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सीमा सिंह ने नई शिक्षा नीति के प्रति मनोस्थिति बदलने पर बल दिया। एमएनएनआइटी के निदेशक प्रो. आरएस वर्मा ने कहा कि तक्षशिला एवं नालंदा में कौन सी रैंकिंग हुआ करती थी, जहां दुनिया के लोग अध्ययन के लिए आते थे। इस दौरान एसएस खन्ना गर्ल्स डिग्री कॉलेज के डॉ. शिवशंकर श्रीवास्तव की पुस्तक 1857 का संग्राम और उत्तर भारत की दलित वीरांगनाएं का विमोचन किया गया। प्रो. श्रीनिवास सिंह, प्रो. आरपी तिवारी, कुलसचिव डॉ. सतीश सिंह उपस्थित रहे।