कैथल। सरकारी कार्यालयों में लाल और हरी स्याही के पेन का प्रयोग करना एक फैशन की तरह हो गया है। तृतीय स्तर के कर्मचारी हो या फिर कांट्रेक्ट आधार पर लगे कर्मचारी, जिला हो या फिर ब्लॉक स्तरीय कार्यालय।
सभी जगह लाल व हरी स्याही के पेन का प्रयोग आम हो गया है, जबकि नियमानुसार लाल व हरी स्याही के पेन का प्रयोग केवल संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी होकर सकते हैं। यह खुलासा आरटीआई से हुआ है। स्थिति यह है कि अधिकांश कार्यालय में कर्मियों को इसकी जानकारी ही नहीं है कि किस स्तर के कर्मों को लाल और हरी पेन का प्रयोग करना है।
आरटीआई कार्यकर्ता जयपाल रसूलपुर ने सरकारी कार्यालयों में आरटीआई के माध्यम से सूचना मांगी थी कि कौन सा अधिकारी या कर्मचारी कौन से रंग की स्याही के पेन का प्रयोग कर सकते हैं। करेंगे। इसके जवाब में सीएमओ कार्यालय, मार्केटिंग बोर्ड, विद्युत निगम, खजाना कार्यालय, महिला एवं बाल विकास विभाग सहित अनेकों विभागों से सूचना भेजी गई कि उनके कार्यालय में इस तरह की जानकारी उपलब्ध नहीं है कि किस कलर के पेन का प्रयोग किया जाना है, या नहीं किया जाना है। यही नहीं जिला खजाना कार्यालय से जानकारी देने वाले अधिकारी
ने खुद हरे रंग के पेन से हस्ताक्षर करके यह सूचना भेजी है। वहीं वन विभाग कार्यालय से प्राप्त सूचना में बताया गया है कि भारत सरकार ने अक्तूबर 2014 को एडवाइजरी भेजी थी कि सरकारी कार्यालयों में सामान्य कार्यों में अधिकारी व कर्मचारी काले या नीले रंग की स्याही वाले पेन का प्रयोग करेंगे.
केवल संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी या इससे ऊपर स्तर के अधिकारों ही विशेष मामलों में लाल या हरे रंग की स्याही वाले पेन का प्रयोग कर सकते हैं। इन निर्देशों में यह भी कहा गया है कि अधिकारी नोट्स लिखते समय और ऑर्डर जारी करते समय सामान्य कार्यों में केवल काले या नीले रंग के पेन का ही प्रयोग करेंगे। यह आदेश । नवंबर 2014 से लागू किया गया था।