माल, माल क्षेत्र के अऊ-मऊ गांव में सोमवार देर शाम रिटायर टीचर शिवकुमार के घर में तेज धमाके के साथ विस्फोट हो गया। विस्फोट से मकान की छत और दीवारें ढह गई जिससे शिवकुमार के बेटे राकेश और इन्द्रेश मलबे में दबकर घायल हो गये। इन्द्रेश और राकेश को पड़ोसियों ने मलबे से निकाल कर ट्रॉमा सेन्टर पहुंचाया। पुलिस को सिलेंडर क्षतिग्रस्त मिला है। मां शांति हादसे से कुछ मिनट पहले ही घर के बाहर निकली थी। फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची पर देर रात तक वजह साफ नहीं हो सकी। हालांकि एडीसीपी का कहना है कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य से विस्फोट गैस सिलेंडर के फटने से लग रहा है।
अऊ-मऊ गांव में इन्द्रेश के पिता शिवकुमार ने कुछ साल पहले बाग में मकान बनवाया था। इसमें सोमवार को इन्द्रेश और भाई राकेश मौजूद थे। इसी दौरान तेज धमाका हुआ जिससे छत और दीवार ढह गई। तेज धमाके से आस पास अफरातफरी मच गई थी। लोग उनके घर की तरफ दौड़ पड़े। ग्रामीणों ने किसी तरह मलबे में दबे राकेश व इन्द्रेश को बाहर निकाला। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से दोनों को अस्पताल भिजवाया जहां ज्यादा चोट देकर उन्हें ट्रॉमा भिजवाया गया।
सिलेंडर में विस्फोट या बम से हमला
एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा और एसीपी मलिहाबाद भी वहां पहुंचे। अंदर रसोई गैस का सिलेंडर धंसा हुआ मिला। कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त भी था। फोरेंसिक विशेषज्ञों ने कहा कि किसी भी विस्फोटक पदार्थ की गंध नहीं मिली है। पर, अभी सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। माल एसओ शमीम ने बताया कि अभी यह साफ नहीं है कि यह घटना कैसे हुई। कुछ ग्रामीणों ने पुलिस को बयान दिया कि यह घटना बम फेंकने से हुई है। पर, बम किसने फेंका…इस बारे में कोई कुछ नहीं बोला।
धमाका से छूट गई बाल्टी
गांव के संत कुमार ने बताया कि वह शाम को जानवरों को चारा दे रहे थे। इसी दौरान तेज धमाका हुआ। उनके हाथ से चारा भरी बाल्टी छूट गई। इसी तरह अमरेन्द्र ने बताया कि उनके कान से कुछ देर तक सुनाई देना ही बंद हो गया था।
मां बोली-बेटे लड़ रहे थे
इन्द्रेश की मां शांति ने बताया कि बेटे इन्द्रेश व राकेश कुमार लड़ रहे थे। उसने उन्हें लड़ने से मना किया और बाहर चली आयी। इस दौरान धमाका हो गया। उन्होंने ही आरोप लगाया कि किसी ने बम फेंक दिया था। हालांकि किसी ने बम फेंकने वाले व्यक्ति को नहीं देखा।