मऊ । जिले के परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों का विद्यालय से गायब होना भारी पड़ेगा। निपुण भारत मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अब वाइस तथा वीडियो कॉल से ऑनलाइन निरीक्षण किया जाएगा। इसके लिए पांच सदस्यीय मूल्यांकन प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों तथा डायट प्राचार्यो को इस आशय का पत्र जारी किया है। जिले में 1208 परिषदीय विद्यालयों में 1.60 लाख बच्चे अध्ययनरत हैं।
सरकारी विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए शासन की तरफ से कवायद तेज हो गई है। परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों के क्रम में अभिनव कदम उठाया है। इन विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों की वीडियो, वायस कॉल से निगरानी की जाएगी।
इसके लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में मूल्यांकन प्रकोष्ठ का गठन होगा। जहां से प्रतिदिन 10 विद्यालयों का पर्यवेक्षण किया जाएगा। वर्तमान में शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार की कवायद के बीच शिक्षकों की उपस्थिति, ऑपरेशन कायाकल्प, निपुण भारत आदि कार्यक्रमों का पर्यवेक्षण व औचक निरीक्षण किया जा रहा है।
गत शैक्षिक सत्र में जिला स्तर पर कराए गए निरीक्षण में अनुपस्थित मिले शिक्षकों के खिलाफ वेतन काटने की कार्रवाई की गई थी। इसी क्रम में डायट में पांच सदस्यीय मूल्यांकन प्रकोष्ठ के गठन का किया गया है।
मूल्यांकन प्रकोष्ठ में डायट प्राचार्य, एक वरिष्ठ प्रवक्ता, दो प्रवक्ता व तकनीकी सहायक शामिल होंगे। इस बाबत प्रभारी डायट प्राचार्य डॉ. संतोष कुमार सिंह का कहना था कि निपुण भारत मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पांच सदस्यीय मूल्यांकन प्रकोष्ठ का गठन किया गया है