पिछले एक महीने से ज्यादा समय से प्रदेश के सरकारी विभागों में कामकाज ठप है। प्रदेश के 27 आईएएस तो कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रेक्षक बन कर गये हैं तो करीब 100 आईएएस प्रदेश में चल रहे निकाय चुनाव में बतौर प्रेक्षक तैनात किये गये हैं। इन 127 आईएएस अफसरों के चुनाव ड्यूटी पर जाने से निदेशालयों के साथ ही खासकर सचिवालय के कामकाज पर अधिक प्रभाव पड़ा है। हालांकि, ये सभी अफसर अपना कार्यभार दूसरे आईएएस अफसरों को सौंप कर गए हैं, लेकिन चार्ज पाए ये अफसर इसलिए उदासीन हैं कि 16 मई के बाद तो उन्हें यहां से हटना ही है।
प्रदेश में 548 आईएएस तैनात हैं। इनमें से 42 आईएएस तो केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं। अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी पहले ही स्वीकार कर चुके हैं कि प्रदेश में आईएएस की कमी है। ऐसे में 27 कर्नाटक विधानसभा चुनाव में और 100 आईएएस अफसरों के निकाय चुनाव में ड्यूटी लग जाने के कारण सचिवालय से लेकर निदेशालय और आयुक्त कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह से प्रभावित है.
27 आईएएस के कर्नाटक विधानसभा चुनाव ड्यूटी पर जाने से उनके विभागों में तो कोई काम नहीं हो रहा है। इन विभागों में कौशल विकास मिशन, व्यवसायिक शिक्षा निदेशालय, रेशम विभाग, सार्वजनिक उद्यम विभाग, प्रशासन एवं प्रबंध अकादमी, प्रादेशिक कोआपरेटिव डेरी फेडरेशन, वाह्य सहायतित परियोजना, पीसीएफ, निबंधन विभाग, समाज कल्याण निदेशालय, ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय, दुग्ध आयुक्त कार्यालय, राजस्व विभाग शामिल हैं।
इसके अलावा विशेष सचिव स्तर के आईएएस अफसर के जाने के कारण सचिवालय में उनसे संबंधित अनुभागों में काम नहीं हो पा रहा है। बड़ी तादाद में इन विभागों के कर्मचारी छुट्टी पर चल रहे हैं, जो हैं भी वह भी ऑफिस आकर जल्द घर रवाना हो जा रहे हैं। इन कार्यालयों में जनसरोकार के काम भी कर्मचारी नहीं कर रहे हैं। लोगों के जाने पर वह टका सा जवाब देते हैं कि अफसर चुनाव ड्यूटी पर गए हैं। 20 मई को बाद आये.
मुख्य सचिव की बैठक से भी अफसर नदारद
निकाय चुनाव की आदर्श आचार संहिता लगे होने के कारण भी कार्यालयों में कामकाज नहीं हो रहा है। विकास के काम चुनाव के परिणाम आने तक नहीं हो सकेंगे। इसी बीच मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने विभिन्न विभागों के कार्यों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा की तो उनके सामने बहुत कम अफसर आ पाये।