लखनऊ। नया सत्र शुरू हुए 38 दिन बीत गए हैं लेकिन बच्चों के माता-पिता के खातों में अभी तक ड्रेस, जूते-मोजे और बैग के 1200 रुपये अभी तक नहीं पहुंचे हैं। यह पैसा सत्र शुरू होने से पहले या सत्र के शुरुआती दिन में भेजने का प्रावधान है ताकि बच्चे पहले दिन से नए ड्रेस, जूते-मोजे में नए बैग के साथ आ सकें। यह रकम प्रदेश के कक्षा एक से आठ तक के 1.87 करोड़ छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को दी जानी थी।
प्रदेश के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों के कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए सरकार उनके माता-पिता के बैं खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफार के माध्यम से 1200 रुपये भेजती है। लेकिन एक अप्रैल से सत्र शुरू हुआ और मई के भी आठ दिन बीत गए और रकम अभी तक छात्र-छात्राओं के माता-पिता के खाते में नहीं पहुंच सकी है। शिक्षकों की मानें तो सत्र शुरू होते ही जब बच्चे नए ड्रेस, जूते-मोजे व बैग लेकर स्कूल आते हैं तो उनके मन में उत्साह रहता है। समय से पैसे नहीं भेजे जाने से इसका असर सत्र के शुरुआती दिनों से ही दिख रहा है। स्कूल ड्रेस नहीं होने से काफी बच्चें स्कूल आने में आनाकानी करते हैं। प्रदेश में इस समय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कुल 1.87 करोड़ बच्चे हैं।
इसके लिए मिलता है पैसा
यह 1200 रुपये दो सेट यूनिफार्म, जूता मौजा, बैग व स्टेशनरी खरीदने के लिए दिए जाते हैं। इनमें 1100 रुपये में दो सेट यूनिफार्म, एक स्वेटर, एक सेट जुता मौजा, एक बैग व 100 रुपये स्टेशनरी के होते हैं।
अनुदान राशि अभिभावकों के खाते में डीबीटी से हस्तांतरित की कार्यवाही जल्द से जल्द पूरी की जाए। अनिल यादव, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ