प्रयागराज, । उच्च शिक्षा विभाग से लेकर माध्यमिक, बेसिक, प्राविधिक, व्यावसायिक शिक्षा विभाग एवं अल्पसंख्यक कल्याण व वक्फ विभाग में शिक्षकों एवं प्राचार्यों/प्रधानाचार्यों के चयन के लिए प्रस्तावित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग के अधिनियम-2019 में संशोधन का निर्णय लिया गया है। उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. सुधीर एम. बोबडे ने 12 सदस्यीय समिति का गठन करते हुए नए आयोग का नया ड्राफ्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष चार जून व 17 दिसंबर 2020 को हुई बैठक और तीन जनवरी, 15 मार्च व चार अप्रैल 2023 को हुई प्रस्तुतिकरण बैठक में मिले निर्देशों के अनुसार अधिनियम में संशोधनों और नए प्रावधानों सहित नए आयोग के विधेयक का नया ड्राफ्ट हिन्दी व अंग्रेजी में तैयार किया जाएगा। नया ड्राफ्ट और वर्तमान अधिनियम का तुलनात्मक विवरण भी तैयार करने को कहा गया है।
● नए शिक्षा सेवा आयोग के अधिनियम में करेंगे संशोधन जोड़ेंगे नए प्रावधान
डॉ. भगवती सिंह बनाए गए सदस्य सचिव
दो मई को गठित 12 सदस्यीय कमेटी में संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. भगवती सिंह को सदस्य सचिव बनाया गया है। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के सचिव सत्य प्रकाश, उच्च शिक्षा निदेशालय के सहायक निदेशक डॉ. बीएल शर्मा, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के उप सचिव नवल किशोर, संयुक्त शिक्षा निदेशक बेसिक गणेश कुमार, परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय के अपर निदेशक नीरज कुमार व मान पाल सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक शेषनाथ पांडेय, मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह, प्राविधिक शिक्षा के उप निदेशक लालजी पटेल व आरके श्रीवास्तव को सदस्य नामित किया गया है।
छह साल से कवायद फंसी कई भर्तियां
नए शिक्षा सेवा आयोग के गठन की कवायद 2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद से शुरू हो गई थी। हालांकि अब तक आयोग अस्तित्व में नहीं आ सका है। इसके चलते नई भर्ती के लिए आवेदन तो शुरू नहीं हो पा रहे हैं जिन भर्तियों के लिए आवेदन लिए जा चुके हैं वह भी ठप पड़ी हैं।
● 4163 पदों पर एडेड माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती फंसी।
● 1017 पद असिस्टेंट प्रोफेसर के फंसे, आवेदन लेने के बाद परीक्षा नहीं हो रही।
● सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों में नहीं हो रही नियमित शिक्षकों की भर्ती।
● एडेड माध्यमिक कॉलेजों से संबद्ध प्राइमरी स्कूलों में भी नहीं हो रही नियुक्ति।