उच्च पेंशन का विकल्प चुनने वाले अंशधारकों और पेंशनभोगियों को अतिरिक्त योगदान या बकाया राशि देने को लेकर अपनी सहमति जताने के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ओर से गुरुवार को जारी आधिकारिक परिपत्र में यह जानकारी दी गई।
जून तक बढ़ी है समय सीमा ईपीएफओ ने अंशधारकों को उच्च पेंशन का विकल्प चुनने के लिए नियोक्ताओं के साथ संयुक्त विकल्प फॉर्म भरने के लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराई है। इसके लिए समय सीमा पहले तीन मई 2023 थी, जिसे बढ़ाकर 26 जून 2023 कर दिया गया है। अब तक पात्र अधिकारियों-कर्मचारियों में से केवल 35 फीसदी ने आवेदन किया है। इससे पहले, पिछले साल नवंबर में उच्चतम न्यायालय ने सरकार से अंशधारकों को उच्च पेंशन का विकल्प चुनने के लिए चार महीने का समय देने को कहा था।
1.16 अतिरिक्त योगदान नियोक्ता के हिस्से से उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरुआत में श्रम मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि उच्च पेंशन का विकल्प चुनने वालों के मूल वेतन का 1.16 प्रतिशत अतिरिक्त योगदान ईपीएफओ की संचालित सामाजिक सुरक्षा योजना में नियोक्ता के योगदान से लिया जाएगा।
वर्तमान में लागू है यह व्यवस्था वर्तमान में सरकार कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में योगदान के लिए सब्सिडी के रूप में 15,000 रुपये तक के मूल वेतन का 1.16 प्रतिशत भुगतान करती है। नियोक्ता मूल वेतन का 12 प्रतिशत योगदान करते हैं। नियोक्ताओं के 12 प्रतिशत के योगदान में से 8.33 प्रतिशत ईपीएस में जाता है और शेष 3.67 प्रतिशत कर्मचारी भविष्य निधि में जमा किया जाता है।
अटल पेंशन योजना से 5.25 करोड़ जुड़े
नई दिल्ली। केंद्र सरकार का प्रमुख सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम अटल पेंशन योजना से लगभग 5.25 अंशधारक जुड़े हैं। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ मई 2015 को देश के सभी नागरिकों, विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र के कर्मियों को 60 साल की उम्र से निश्चित आय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू की थी। वित्त वर्ष 2022-23 में इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 20 वृद्धि दर्ज की गई।
राशि का निर्धारण क्षेत्रीय अधिकारी करेंगे
परिपत्र में स्पष्ट किया गया है कि अतिरिक्त राशि का निर्धारण क्षेत्रीय अधिकारी करेंगे। जो भी राशि निर्धारित होगी ब्याज सहित उसके बारे में सूचना उच्च पेंशन का विकल्प चुनने वाले अंशधारकों को दी जाएगी। ईपीएस सदस्यों और पेंशनभोगियों को पैसा जमा करने की सहमति देने के लिए तीन महीने तक का समय दिया जाएगा।
असमंजस बरकरार
अभी इस बात को लेकर चीजें साफ नहीं है कि उच्च पेंशन का विकल्प चुनने पर कैसे अतिरिक्त योगदान का विकल्प काम करेगा और भुगतान करने का तरीका क्या होगा। सदस्य अभी इस बात से भी अवगत नहीं है कि बहुत ज्यादा राशि मांगे जाने की स्थिति में उन्हें उच्च पेंशन योजना से बाहर होने का विकल्प मिलेगा या नहीं।