शामली, शिक्षा विभाग के अधिकारी तो एसी और पंखों के नीचे बैठकर गर्मी को दूर रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के शामली जनपद के 30 के करीब स्कूलों में बिजली कनेक्शन ही नहीं है। एक दशक से अधिक समय बीत गया, लेकिन शिक्षा विभाग का ध्यान इस तरफ नहीं है। शिक्षक बच्चाें को कुछ देर तो पेड़ के नीचे बैठाकर शिक्षा ग्रहण कराते हैं। जब धूप आती है तो उनको कमरों में बैठा दिया जाता है। ऐसे में उनको उमस भरी गर्मी में बिना पंखों के ही शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है।
जनपद में बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित 596 परिषदीय स्कूल संचालित हैं। इन स्कूलों को कायाकल्प के माध्यम से निजी स्कूलों से बेहतर बनाने का दावा किया जा रहा है, मगर जमीनी हकीकत इतर है। यहां 30 से अधिक ऐसे परिषदीय विद्यालय हैं जहां बिजली का कनेक्शन ही नहीं है।
ऐसे में चार हजार के करीब छात्रों को इस साल भी गर्मी के बीच पढ़ाई करनी होगी। पिछले कुछ सालों में कई बार शत-प्रतिशत स्कूलों को विद्युत कनेक्शन से आच्छादित करने का निर्देश दिया जाता रहा, लेकिन यह निर्देश कागजों तक सिमट कर रह गया।
कुछ दिनों पहले राज्य परियोजना कार्यालय से फिर ऐसा ही निर्देश जारी किया गया है। हालांकि इस पर अमल होता नहीं दिख रहा है। बिजली सुविधा से वंचित स्कूलों में छात्रों को गर्मी में पसीना-पसीना होना पड़ रहा है। कुछ में विद्युत पोल से विद्यालय की दूरी तीन से चार सौ मीटर से अधिक है तो कई में प्रधानाध्यापकों के ऑनलाइन आवेदन न करने का पेच फंसा है।
बिजली विभाग की झटपट योजना भी फेल साबित हो रही है और ऐसे में शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों को भी गर्मी में परेशानी उठानी पड़ रही है। कई स्कूलों में तो पेड़ के नीचे बैठाकर छात्रों को शिक्षा दिलाई जा रही है तो कई स्कूल सोलर पैनल के दम पर चल रहे है, लेकिन शिक्षा विभाग कनेक्शन की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। कई बार तो सोलर पैनल भी दम तोड़ देता है, चार्ज नहीं होने के कारण पंखे नहीं चल पाते हैं।
इन स्कूलों में नहीं कनेक्शन
ऐरटी का कंपोजिट, जंधेड़ी, पांवटी कलां में बालक स्कूल नंबर पांच, छह, सात, बालिका स्कूल नंबर तीन, एलम, फतेहपुर, जलालपुर, काबड़ौत, कुड़ाना आदि स्कूल शामिल हैं।
विद्युत विभाग भी नहीं ले रहा रूचि
कहने को तो सर्वाधिक विद्युत उत्पादन को लेकर राजनीतिक मंचों पर नेता और सार्वजनिक स्थानों पर अफसर वाहवाही लूटने से नहीं थकते हैं। मगर परिषदीय स्कूलों को बिजली का कनेक्शन उपलब्ध कराने में बिजली विभाग गंभीर नहीं है।
विभाग स्कूलों से खंभे की दूरी अधिक होने के कारण हाथ खड़े कर रहा है। जबकि यहीं विभाग बड़े नेताओं के दौरे की जानकारी मिलने पर रातों-रात खंभे लगाने के लिए भी जाना जाता है। मगर मासूम गर्मी में कैसे पढ़ाई करेंगे, इसकी अफसर सुध नहीं ले रहे हैं।
ग्रामीणों का विरोध, नहीं लगा खंभा
दो साल पहले ऐरटी गांव के कंपोजिट विद्यालय में कनेक्शन देने के लिए बिजली विभाग ने खंभा लगाया था, लेकिन ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए उसको उखड़वा दिया गया। जब से लेकर आज तक भी वहां खंभा नहीं लगा है और विद्यालय को कनेक्शन तक नहीं मिल सका।
आंगनबाड़ी केंद्र से ले रखी है बिजली
ऐरटी गांव में बने आंगनबाड़ी केंद्र से स्कूल तक बिजली पहुंचाने के लिए तार डाल रखा है और वहां से बच्चों के लिए बिजली की व्यवस्था की गई है। ऐसे में यदि कोई दिक्कत हो जाती है तो उनको गर्मी में ही बैठना पड़ता है।
कंपोजिट स्कूल में बच्चे बिना पंखे के पढ़ते मिले
ऐरटी गांव के कंपोजिट स्कूल में मंगलवार को छात्र-छात्राएं बिना पंखों के ही गर्मी में पढ़ते दिखाई दिए। क्योंकि वहां लगे सोलर पैनल ने भी दम तोड़ दिया था। वह रात में चार्ज नहीं हो सका और ऐसे में बिजली भी गायब रही। स्कूल में 16 पंखे लगे हुए है और सोलर पैनल से वह मात्र एक ही घंटा चल पाते है। ऐसे में उनको गर्मी में ही शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है।
जिन स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं है उनमें कनेक्शन लेने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए आवेदन कर दिया गया है। जल्द ही कनेक्शन ले लिया जाएगा। बच्चों को गर्मी में परेशानी नहीं होने दी जाएगी। – राहुल कुमार, जिला समन्वयक, शामली
दो साल पहले स्कूल में विद्युत लाइन खिंचवाने के लिए प्रयास किया गया था। तत्कालीन प्रधान के सहयोग से खंभा लग गया था, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते खंभा उखाड़ दिया गया। इसके कारण ही स्कूल को बिजली कनेक्शन नहीं मिल सका है। अब एक बार फिर कनेक्शन के लिए आवेदन किया गया है। – राधा रानी शर्मा, प्रभारी प्रधानाध्यापक, ऐरटी कंपोजिट विद्यालय।
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