लखनऊ। प्रदेश सरकार ने शिक्षा का अधिकार (आरटीई) पोर्टल पर बंद दिखाए जा रहे स्कूलों के सत्यापन का आदेश जारी कर दिया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से 24 मई तक सत्यापन करवाकर रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
‘अमर उजाला’ ने 17 मई के अंक में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एक रिपोर्ट के जरिये प्राइवेट स्कूलों द्वारा आरटीई के अंतर्गत गरीब बच्चों का दाखिला लेने से बचने के हथकंडे का खुलासा किया था। आयोग ने आरटीई पोर्टल पर लखनऊ में बंद दिखाए जा रहे स्कूलों का संज्ञान लिया था। आयोग ने कहा था कि बंद दिखाए जा रहे कई विद्यालय अभी भी संचालित हैं। इसकी वजह से आरटीई के दायरे वाली छात्र-छात्राओं को आवंटित विद्यालयों में प्रवेश के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। आयोग ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को पोर्टल पर बंद दिखाए जा रहे समस्त स्कूलों का स्थलीय जांच कराकर रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा था। बाद की पड़ताल में खुलासा हुआ कि प्रदेश के करीब एक लाख निजी स्कूलों में से पोर्टल पर करीब 60 हजार ही हैं। करीब 40 हजार ने पंजीकरण ही नहीं कराया है। यह खबर 18 मई के अंक में प्रकाशित की गई।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पोर्टल पर बंद दिखाए जा रहे स्कूलों की सूची भेजी है। उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारियों से बंद दिखाए जा रहे समस्त स्कूलों का स्थलीय सत्यापन कराने और आरटीई पोर्टल पर सही स्थिति प्रदर्शित कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने इस आदेश को सभी जिलों के डीएम, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी, बेसिक शिक्षा निदेशक व समस्त बेसिक शिक्षा के समस्त सहायक शिक्षा निदेशकों को भेजा है।