केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में समग्र शिक्षा अभियान के तहत उत्तर प्रदेश के लिए 12,744.41 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्ययोजना को मंजूरी दे दी है। इसमें से 11,525.37 करोड़ रुपये की धनराशि बेसिक शिक्षा, 996.27 करोड़ रुपये माध्यमिक शिक्षा तथा 222.76 करोड़ रुपये की रकम शिक्षक प्रशिक्षण के लिए स्वीकृत की गई है।
बेसिक शिक्षा के लिए आवंटित रकम में से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से विभिन्न मदों में 1,907 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की गई है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में परिषदीय विद्यालयों में 22,000 स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किये जाएंगे जिनमें बच्चों को डिजिटल प्रणाली से पहली से आठवीं कक्षा तक की शिक्षा देने की व्यवस्था उपलब्ध होगी। इसके लिए वार्षिक कार्ययोजना में 123 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं।
डिजिटल प्रणाली से पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल शैक्षिक सामग्री युक्त 8,778 टैबलेट मुहैया कराने के लिए 17.55 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं जिनमें बच्चों के लिए कक्षावार पाठ्य सामग्री उपलब्ध होगी। शिक्षकों को डिजिटल माध्यम से शिक्षा देने के लिए प्रशिक्षित करने और उनकी क्षमता संवर्धन के लिए 3669 सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आइसीटी) लैब विकसित की जाएंगी जिनके लिए 145 करोड़ रुपये की रकम आवंटित की गई है।
छठवीं से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाई के अपेक्षित स्तर पर लाने के उद्देश्य से 50 दिनों की रेमेडियल टीचिंग के लिए 66 करोड़ रुपये की रकम स्वीकृत की गई है। राष्ट्रीय अविष्कार योजना के तहत क्विज प्रतियोगिताओं, विज्ञान प्रदर्शनियों, गणित किट और बच्चों की एक्सपोजर विजिट के लिए 58 करोड़ रुपये मंजूर किये गए हैं। 1772 स्कूलों में ‘लर्निंग बाई डूइंग’ कार्यक्रम संचालित करने के लिए 88.6 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
वार्षिक कार्ययोजना के तहत 605 करोड़ रुपये मौजूदा परिषदीय स्कूलों की मरम्मत और उनमें मूलभूत सुविधाओं के निर्माण कार्य के लिए दिये गए हैं। स्कूलों में 2,522 अतिरिक्त क्लासरूम के निर्माण के लिए 150 करोड़ रुपये की रकम आवंटित की गई है। नए स्कूलों के निर्माण और पुराने विद्यालयों के उच्चीकरण के लिए 195 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। 1806 जर्जर विद्यालयों की मरम्मत के लिए 268 करोड़ रुपये मिलेंगे। 5006 स्कूलों में सोलर पैनल की स्थापना और विद्युतीकरण का कार्य कराया जाएगा।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के लिए 1,725 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित हुई है। इसमें से 957 करोड़ रुपये 209 केजीबीवी के निर्माण के लिए मंजूर किये गए हैं। 320 केजीबीवी में कंप्यूटर रूम की स्थापना के लिए 46.4 करोड़ रुपये की रकम दी गई है। केजीबीवी छात्राओं को डीबीटी के जरिये स्टाइपेंड भी दिया जाएगा।
कार्ययोजना में यह भी
-कंटेंट रिकार्डिंग के उद्देश्य से स्थापित किये जाने वाले स्टूडियो रूम के लिए 10 करोड़ रुपये
-खेलकूद के लिए 96 करोड़ रुपये
-प्री-प्राइमरी शिक्षा के लिए 263 करोड़ रुपये
-माध्यमिक विद्यालयों में 350 स्मार्ट क्लासरूम बनाने के लिए 8.4 करोड़ रुपये
-हाईस्कूल और इंटरमीडिएट स्तर पर व्यावसायिक शिक्षा के लिए 60.51 करोड़ रुपये