पूरे प्रदेश के लिए होगी एक ही नियमावली कौशल विकास व दक्षता बढ़ाने पर फोकस
डायट के कार्यों की हर माह होगी समीक्षा
लखनऊ। प्रदेश की जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण परिषद (डायट) में पढ़ने वाले डीएलएड प्रशिक्षुओं के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने पहली बार प्रशिक्षण नियमावली तैयार की है। जो पूरे प्रदेश के लिए प्रभावी होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत तैयार इस नियमावली में प्रशिक्षुओं के थ्योरी की जगह प्रैक्टिकल (करके सीखने) पर जोर दिया गया है।
अभी डीएलएड प्रशिक्षुओं के लिए कोई एक मैनुअल नहीं था । इसके मद्देनजर एससीईआरटी ने पूरे प्रदेश के लिए एक मैनुअल तैयार किया है। इसका उद्देश्य भावी शिक्षकों को शिक्षण कौशल, दक्षता विकास के साथ ही करके सीखने पर फोकस किया गया है। वहीं, यह प्रयास होगा कि प्रशिक्षण की तिथि भी सभी डायट में एक साथ रखी जाए।
डायट के संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान ने बताया कि दो वर्षीय प्रशिक्षण के हर सेमेस्टर में 30 दिन के व्यावहारिक प्रशिक्षण का प्रावधान किया गया है। इस दौरान डीएलएड प्रशिक्षु परिषदीय विद्यालयों में जाकर प्रशिक्षण के दौरान सीखीं सैद्धांतिक बातों का व्यावहारिक क्रियान्वयन करेंगे। हर सेमेस्टर में उन्हें क्या-क्या करना है, इसमें उल्लेख किया गया है। जल्द ही इसे सभी डायट को भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि हाल के दिनों में डायट प्रशिक्षुओं को प्रैक्टिकल कार्यों से जोड़ा गया है। स्कूलों की मॉनिटरिंग से लेकर स्कूल चलो अभियान आदि में उनकी सीधी सहभागिता की गई है।
डायट के कार्यों की हर माह होगी समीक्षा
बेसिक व माध्यमिक शिक्षा के सुधार में जुटी सरकार डायट को भी काफी तवज्जो दे रही है। इस क्रम में बेसिक माध्यमिक की तरह अब डायट के कामों की हर माह समीक्षा होगी। एससीईआरटी के प्रभारी निदेशक डॉ. पवन सचान ने जून माह का मंडलवार समीक्षा कार्यक्रम जारी किया है। बैठक में लंबित देनदारी प्रस्तावित कार्यक्रम, बजट की स्थिति, डायट के विजन, वार्षिक कैलेंडर की प्रगति, निपुण लक्ष्य की तैयारी, संकुल कार्यशाला, एक प्रशिक्षु एक प्रवेश की स्थिति, वर्तमान वर्ष की कार्ययोजना आदि पर चर्चा और समीक्षा की जाएगी।