लखनऊ। 69 हजार शिक्षक भर्ती के एक अंक विवाद में दाखिल अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने पहले के आदेश के तहत सरकार की ओर से आगे अपनाई जा रही कार्रवाई का ब्योरा पेश करने को 10% दिन का आखिरी मौका दिया है। साथ ही सख्त रुख अपनाकर चेताया कि पहले के आदेश का पालन न होने पर कोर्ट पक्षकार अफसरों को तलब करने पर विवश हो सकता है। मामले की अगली सुनवाई 10 दिन बाद होगी।
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बेसिक शिक्षा के प्रमुख सचिव दीपक कुमार व अन्य पक्षकारों से रिट कोर्ट के 20 दिसंबर, 2021 के फैसले के तहत प्रस्तावित कार्रवाई का ब्योरा मांगा था पर बीते मंगलवार को फिर सरकार की ओर से इसे पेश नहीं किया गया। सरकारी वकील ने 10 दिन का और समय मांग, जिसे आखिरी मौके के रूप में कोर्ट ने मंजूर कर लिया। न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की एकल पीठ ने अपना आदेश अभ्यर्थी सुरंगमा शुक्ला की अवमानना याचिका पर दिया। याची का कहना था कि 20 दिसंबर, 2021 को शैक्षिक परिभाषा वाले प्रश्न पर रिट कोर्ट ने न्यायालय की शरण में आए अभ्यर्थियों को एक अतिरिक्त अंक प्रदान करते हुए मेरिट के अनुसार नियुक्ति का आदेश दिया था। इसके करीब साल भर बाद भी आदेश का अनुपालन नहीं हुआ। जबकि इस फैसले के खिलाफ सरकार की विशेष अनुमति याचिका खारिज होने के बाद रिट कोर्ट का निर्णय पुष्ट हो गया है। इससे करीब 1000 अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है। इसे रिट कोर्ट के आदेश की अवहेलना कहते हुए यह अवमानना याचिका दाखिल की गई।