लखनऊ। प्रदेश सरकार ने प्राइवेट प्ले स्कूलों की स्थापना, मान्यता व संचालन के संबंध में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से जारी गाइडलाइन को लागू कराने के संबंध में कार्यवाही शुरू कर दी है। शासन ने निदेशक बाल विकास एवं पुष्टाहार को राज्य बाल संरक्षण आयोग के पत्र में दिए गए निर्देशों के हिसाब से कार्यवाही कर शासन को बताने का निर्देश दिया गया है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने 0-6 वर्ष के बच्चों के संरक्षण की पहल करते हुए प्राइवेट प्ले स्कूलों की मान्यता के लिए नियामकीय दिशा-निर्देश ( रेगुलेटरी कंप्लायंस) जारी किए हैं। इसमें प्ले स्कूलों की स्थापना, मान्यता की प्रक्रिया, प्ले स्कूल के मानक, स्टाफ की संख्या व योग्यता सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाओं व बच्चों के स्वास्थ्य व सुरक्षा जैसे विषय शामिल हैं। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग इन निर्देशों पर अमल के लिए वर्ष 2020 से लगातार लिखापढ़ी कर रहा है। पर, अधिकारी कोई कार्यवाही ही नहीं कर रहे थे।
आयोग ने गत एक मई को नया पत्र लिखकर एक वर्ष पूर्व दिए गए निर्देशों पर भी कार्यवाही न किए जाने का खासतौर से उल्लेख किया था। साथ ही प्रदेश के समस्त प्ले स्कूलों से संबंधित सूचना नियामकीय दिशा-निर्देशों के साथ दिए गए प्रारूप पर तैयार कराने व समस्त प्ले स्कूलों का नियमानुसार रजिस्ट्रेशन कराते हुए आयोग को 15 दिन में आख्या उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। इस पर भी कार्यवाही शुरू नहीं की गई थी। ‘अमर उजाला’ ने संबंधित अधिकारियों व महिला कल्याण एवं बाल विकास व पुष्टाहार मंत्री बेबीरानी मौर्य से बात कर 17 मई को खबर छापी। इसके बाद शासन की ओर से कार्यवाही शुरू की गई। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के संयुक्त सचिव महावीर प्रसाद गौतम ने निदेशक बाल विकास एवं पुष्टाहार को पत्र लिखकर आयोग की अपेक्षानुसार कार्यवाही कर शासन को बताने का निर्देश दिया है।