नई दिल्ली, एजेंसी। हाल में चलन से वापस लिए गए 2,000 रुपये के अधिकतम 10 नोटों को बदलने के लिए किसी फॉर्म या पहचान पत्र की जरूरत नहीं है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने सभी स्थानीय प्रधान कार्यालयों के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखकर कहा है कि आम जनता को एक बार में कुल 20,000 रुपये तक के 2,000 रुपये के नोटों को बदलने के लिए किसी फॉर्म की जरूरत नहीं होगी।
बैंक ने 20 मई के पत्र में कहा, विनिमय के समय कोई पहचान प्रमाण प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं है। एसबीआई ने अपने स्थानीय प्रधान कार्यालयों को जनता के लिए सभी तरह के सहयोग की व्यवस्था करने को कहा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी। इन नोटों को बैंक खातों में जमा करने या बदलने के लिए जनता को 30 सितंबर तक का समय दिया गया है।
हालांकि, 2000 रुपये का नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बना रहेगा, जबकि 2016 की नोटबंदी में 500 और 1,000 रुपये के नोटों को रातोंरात अमान्य कर दिया गया था।
सोने की खरीद के लिए पूछताछ बढ़ी
दो हजार का नोट वापस लेने के भारतीय रिजर्व बैंक फैसले के बाद ज्वेलर्स से सोना, चांदी की खरीद संबंधी पूछताछ बढ़ गई है। सर्राफा कारोबारियों के निकाय अखिल भारतीय रत्न और आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) ने रविवार को कहा, 2016 में नोटबंदी जैसी स्थिति नहीं है। सूत्रों ने कहा कि कुछ जौहरियों ने सोना खरीद पर 5-10 प्रतिशत प्रीमियम लेना शुरू कर दिया है जिससे रेट बढ़ गया है।
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लाख करोड़ के नोट थे 31 मार्च 2018 को
इस कदम के फायदे
- काले धन पर काफी हद तक लगेगी रोक
- लोग घरों में नकदी के बजाय बैंक मे पैसा रखेंगे
- ऑनलाइन भुगतान में होगा इजाफा
- बड़ी मात्रा में काला धन बाहर आ सकता है
- सरकार को उम्मीद है कि इससे ज्यादा आयकर मिलेगा