गौरीगंज (अमेठी)। एक अप्रैल से शुरू स्कूल चलो अभियान के बावजूद 324 स्कूलों में प्रेरणा पोर्टल पर नामांकन शून्य प्रदर्शित हो रहा है। स्कूल चलो अभियान के इस फ्लाप शो की गाज कार्यरत शैक्षणिक स्टॉफ पर गिरी है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसे काम काज में लापरवाही मानते हुए कार्यरत सभी शैक्षणिक स्टॉफ का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकने का निर्देश दिया है। कहा है कि नामांकन संतोषजनक करते हुए पोर्टल पर अपलोड करने के साथ लिखित स्पष्टीकरण भी प्रस्तुत किया जाए।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत छह से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को शिक्षित करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग एक अप्रैल से स्कूल चलो अभियान संचालित कर रहा है। अभियान में डोर-टू-डोर सर्वे कर बच्चों का नामांकन कराने के साथ आउट ऑफ स्कूल बच्चों का प्रवेश कराने को कहा गया है। प्रवेश के साथ आधार नामांकन व आधार प्रमाणीकरण कर प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। अभियान के बाद कागजों पर बेसिक शिक्षा विभाग जहां 16,850 बच्चों के कक्षा एक में पंजीकृत होने की बात कह रहा है जबकि प्रेरणा पोर्टल पर 12,501 बच्चों का ही नामांकन प्रदर्शित है।
पोर्टल की ऑनलाइन समीक्षा के बाद स्कूल में नामांकन शून्य मिलने पर बेसिक शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों 657 प्रधानाध्यापकों का वेतन रोकने का आदेश जारी किया था। सोमवार को दोबारा प्रेरणा पोर्टल की समीक्षा में 248 स्कूलों में एक भी नामांकन नहीं पाया गया जबकि 76 स्कूलों में सिर्फ एक बच्चें का नामांकन मिला। समीक्षा के बाद बीएसए ने सोमवार को शून्य व एक बच्चों का नामांकन प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करने वाले 324 स्कूल में कार्यरत शैक्षणिक स्टॉफ का वेतन अग्रिम आदेश तक रोकने का आदेश दिया है।
1,336 स्कूल में 16,580 का नामांकन बड़ा सवाल
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से 16,580 बच्चों का प्रवेश होने की बात कही जा रही है। 1,336 स्कूलों में 324 स्कूल में एक भी नामांकन नहीं होना अब तक हुए नामांकन पर सवाल उठा रहा है। नामांकित बच्चों में 12,501 बच्चों को डाटा अपलोड होना अभियान की सफलता की पोल खोल रहा है।
नामांकन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
परिषदीय स्कूलों में बच्चों के नामांकन में कोई भी लापरवाही नहीं चलेगी। शत प्रतिशत बच्चों को शिक्षित किया जा सके व आउट ऑफ स्कूली बच्चों को दोबारा शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके, इसके लिए संचालित अभियान को पूरी तरह सफल बनाया जाएगा। स्टॉफ का वेतन रोकने के साथ ही जल्द ही नामांकित बच्चों का डाटा पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है।
संगीता सिंह, बीएसए