उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति और पीएचडी डिग्री प्रदान करने में उल्लंघन की जांच एवं निगरानी नियमित रूप से होगी। नियमित निगरानी के लिए यूजीसी ने इस साल 24 अप्रैल को आयोजित अपनी 568वीं बैठक में एक स्थायी समिति के गठन का फैसला किया है। शिक्षकों की नियुक्ति और पीएचडी डिग्री प्रदान करने में कोई अनियमितता मिलने पर यूजीसी ने गंभीर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
यूजीसी चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने बुधवार को बताया, यूजीसी द्वारा गठित स्थायी समिति कुछ उच्च शिक्षण संस्थानों को चिह्नित कर वहां शिक्षकों की नियुक्ति और पीएचडी अवॉर्ड करने की प्रक्रिया की जानकारी लेगी। नियुक्ति और पीएचडी के दस्तावेज की जांच की जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह देखा जायेगा कि यूजीसी द्वारा तय मानकों का पालन किया गया है या नहीं। उल्लंघन पाए जाने पर कार्रवाई की सिफारिश की जायेगी। चेयरमैन ने कहा कि यूजीसी, समय-समय पर शिक्षकों की गुणवत्ता और शोध डिग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियमों को अधिसूचित करता है।
इस समय दो नियमों से नियंत्रण
इस समय उच्च शिक्षण संस्थानों में नियुक्ति और पीएचडी के लिए मानकों का अनुपालन दो विनियमन द्वारा किया जाता है। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता पर यूजीसी विनियम और उच्च शिक्षा में मानकों के रखरखाव के उपाय, 2018 के अलावा दूसरा विनियम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रियाएं) विनियम, 2022 का प्रावधान है। दोनों विनियम शिक्षकों की नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों के चयन में मानकों को निर्धारित करने और बनाए रखने के लिए शर्तें निर्धारित करते हैं और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रदान की जाने वाली शोध डिग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं।