स्कूलों में बच्चों के शोषण पर जिम्मेदारी तय की गई
लखनऊ। स्कूलों में बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक शोषण की शिकायतों को सरकार ने गम्भीरता से लिया है।
योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में वर्ष 2015 में इस मामले में एक विस्तृत गाइडलाइंस तैयार की थी। हाल के दिनों में बढ़ती शिकायतों के बाद सरकार ने गाइड लाइन को सख्ती से लागू करने के निर्देश जारी किए हैं।
जारी किए गए निर्देश राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कंपोजिट विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में गाइडलाइंस का सख्ती से पालन किया जाए। साथ ही सभी प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, स्टाफ, वार्डेन एवं विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को भी इन गाइडलाइंस का कड़ाई से अनुपालन करने को कहा गया है।
दिए गए सुझाव गाइडलाइंस में कहा गया है कि प्रत्येक विद्यालय प्रबंधतंत्र/स्कूल मैनेजमेंट कमेटी एवं प्रधानाचार्यो का यह दायित्व है कि विद्यालय परिसर में या विद्यालय आते-जाते अथवा विद्यालय से बाहर फील्ड विजिट में इस प्रकार का वातावरण तैयार करें जो बच्चों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करे और छात्र/छात्राओं का किसी प्रकार का शारीरिक/मानसिक एवं यौन शोषण न हो। स्कूल बसों में जीपीआरएस सिस्टम के साथ ही ड्राइवर व हेल्पर के वेरिफिकेशन की अनिवार्यता रखी गई है। साथ ही बस के अंदर चाइल्ड हेल्पलाइन और वूमेन हेल्पलाइन नंबर तथा पुलिस स्टेशन का नंबर लिखा होना चाहिए। प्रत्येक बस में दो टीचर की इस प्रकार व्यवस्था होनी चाहिए जो बच्चों के साथ स्कूल में बस से आवागमन करेंगे।