प्रदेश महामंत्री माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट
प्रयागराज, । राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) लागू होने के 18 साल बाद भी इसे लेकर शिक्षक परेशान हैं। शासन ने 20 मार्च 2017 को आदेश जारी कर एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को एनपीएस खाते से उनकी जमा राशि का 25 प्रतिशत अग्रिम भुगतान की व्यवस्था लागू की थी। लेकिन छह साल बाद भी किसी को इसका लाभ नहीं मिल रहा। पुरानी पेंशन से आच्छादित शिक्षकों और कर्मचारियों को तो शादी, घर बनवाने, बच्चों की फीस, इलाज आदि के लिए ऑफलाइन अधिकतम 70 प्रतिशत तक अग्रिम भुगतान किया जा रहा है। लेकिन एनपीएस से आच्छादित शिक्षकों और कर्मचारियों को आदेश के बावजूद जरूरत के वक्त अपनी ही बचत नहीं मिल पाती। कई बार ऑनलाइन भुगतान के बावजूद भुगतान नहीं हुआ।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने पिछले दिनों सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को जारी पत्र में यह बात स्वीकार की है कि अग्रिम भुगतान न किए जाने के कारण शिक्षक संघ लगातार आपत्ति कर रहे हैं। निदेशक ने सभी डीआईओएस से अग्रिम भुगतान के आदेश का शत-प्रतिशत अनुपालन करते हुए इसकी रिपोर्ट तलब की है।
18 साल में शुरू नहीं हो सकी एनपीएस कटौती
अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों से संबद्ध प्राइमरी और एडेड संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों की एनपीएस कटौती 18 साल में शुरू नहीं हो सकी है। सरकार ने 28 मार्च 2005 को ही परमानेंट रिटायरमेंट एकाउंट नंबर (प्रान) खाता आवंटन करने के साथ कटौती शुरू करने के आदेश दिए थे। लेकिन अफसरों की लापरवाही के कारण हजारों शिक्षक बुढ़ापे की लाठी से वंचित हैं। प्रयागराज में 25 संस्कृत विद्यालयों व 44 संबद्ध प्राइमरी के 100 से अधिक शिक्षकों की कटौती शुरू नहीं हो सकी है।
एक तरफ सरकार पूंजीपतियों के दबाव और अपनी हठवादिता में पुरानी पेंशन को लागू नहीं कर रही है, दूसरी तरफ 18 वर्षों में एनपीएस के विभिन्न प्रावधानों को लागू करने में फेल हुई है।
-लालमणि द्विवेदी,