परिषदीय स्कूलों को निपुण बनाने के लिए स्कूलों की अब तीन रंगों के आधार पर ग्रेडिंग होगी। ग्रेडिंग के अनुसार ही स्कूलों को लाल, पीले व हरे रंग में बांटा जाएगा। साथ ही तय किया जाएगा कि संबंधित स्कूल के विद्यार्थी कितने निपुण हो चुके हैं।
जिले में 1289 परिषदीय स्कूल संचालित हैं। प्राइमरी कक्षा के विद्यार्थियों को निपुण लक्ष्य के तहत पढ़ाया जा रहा है। दिसंबर 2023 तक इन बच्चों को हिंदी और गणित विषयों में निपुण बनाने की कवायद जारी है। वहीं दूसरी ओर परिषद ने परिषदीय स्कूलों की निपुण ग्रेडिंग भी शुरू कर दी है। डीएलएड प्रशिक्षुओं को स्कूलों की निपुण लक्ष्य की प्रगति की जांच के लिए निर्देशित किया गया है। इसमें प्रगति के हिसाब से स्कूलों को तीन रंगों की श्रेणी में बांटा जाएगा। बच्चे के निपुण मानने के लिए मानक तय किए गए हैं। कक्षा एक के विद्यार्थी हिंदी में पांच शब्दों में बनें वाक्य पढ़ सकते हों। गणित में एक अंक के जोड़ व घटाना आता हो। कक्षा दो में हिंदी में 45 शब्द प्रति मिनट के प्रवाह में पढ़ना आता हो। कक्षा तीन में हिंदी में 60 शब्द प्रति मिनट के प्रवाह से पढ़ना आता हो, गणित में तीन अंकीय जोड़ घटाना और दो अंक का गुणा आना चाहिए।
निपुण भारत अभियान के तहत जिले का परीक्षा परिणाम अच्छा रहा। बच्चों को निपुण बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है। तीन रंगों में स्कूलों की ग्रेडिंग होगी।
मुकेश कुमार पाठक, डीसी ट्रेनिंग, समग्र शिक्षा संभल।