लखनऊ : परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मियों को अब सभी प्रकार के अवकाश प्रकरणों में स्टांप पेपर पर शपथ पत्र देने की जरूरत नहीं होगी। अभी तक शिक्षकों को खासतौर पर बाल्य देखभाल अवकाश के लिए स्टांप पेपर पर शपथ पत्र देना पड़ता था। शासन ने अब सभी अवकाशों के लिए स्टांप पेपर पर शपथ पत्र देने की व्यवस्था समाप्त कर दी है। साथ ही परिषदीय शिक्षक और कर्मचारी अब किसी भी पंजीकृत चिकित्सक से चिकित्सा प्रमाणपत्र बनवा सकेंगे। अभी तक शिक्षकों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पताल के चिकित्सकों से चिकित्सा प्रमाणपत्र बनवाना पड़ता था । बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है।
परिषदीय शिक्षकों, शिक्षामित्रों अनुदेशकों आदि की अवकाश प्रक्रिया और सेवा पुस्तिका आनलाइन कर दी गई हैं। परिषदीय शिक्षकों व कर्मचारियों की अवकाश स्वीकृति की प्रक्रिया में कई बिंदु अस्पष्ट थे। कुछ जटिलताएं भी थीं। इन अस्पष्टताओं और जटिलताओं को
दूर करने के लिए विभाग ने पिछले वर्ष 26 जुलाई को
एक समिति गठित की थी। समिति के सुझावों को शासन ने अनुमोदित कर दिया है.
शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि बाल्य देखभाल अवकाश एक बार सामान्यतः अधिकतम 30 दिनों के लिए दिया जाएगा। चुनाव या आपदा या जनगणना या बोर्ड परीक्षा या फिर स्कूल की परीक्षा की अवधि व उससे पांच दिन पहले की तारीखों के लिए प्राप्त बाल्य देखभाल अवकाश प्रकरणों को खंड शिक्षा अधिकारी / जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी निस्तारित करेंगे।