लखनऊ। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों को वरिष्ठता तय करने की प्रक्रिया गुणांक के फेर में उलझती दिख रही है। क्योंकि शिक्षकों की नियुक्ति अलग-अलग साल में अलग-अलग आधार पर हुई है। हाल यह है कि तीन दर्जन से अधिक जिलों में अभी भी वरिष्ठता की आपत्तियों का निस्तारण नहीं हो पाया है। इससे शिक्षकों में नाराजगी है।
गत वर्षों में शिक्षकों की भर्ती अलग- अलग आधार पर हुई थी। कुछ शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट पर कुछ की शैक्षिक प्रमाणपत्रों के प्रतिशत पर तो कुछ की हाईस्कूल व इंटर की मेरिट पर की गई है। वरिष्ठता तय करने के लिए कोई एक सामान्य फॉर्मूला तय न होने से गुणांक निकालने में दिक्कत हो रही है। इससे पदोन्नति की कार्यवाही भी उलझती रही है। यही वजह है कि अब तक छह बार इसकी तिथि बढ़ाई जा चुकी है। शिक्षकों के अलग-अलग जिलों में तैनाती और वर्तमान में उनके तैनाती स्थल अलग-अलग होने से भी वरिष्ठता तय करने में समस्या आ रही है। शिक्षक इन कमियों को लेकर बार-बार पोर्टल पर आपत्ति दर्ज करा रहे हैं, लेकिन विभाग इनका निस्तारण नहीं कर पा रहा है। यही वजह है कि शिक्षकों की वरिष्ठता तय करने की प्रक्रिया दो माह से ज्यादा समय से चल रही है। इसके बाद भी यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है।
हाल में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 40 से अधिक जिलों में वरिष्ठता सूची पर शिक्षकों की आपत्तियों का निस्तारण नहीं किया जा सका है। हालांकि शिकायतों के निस्तारण की तिथि तीन मई तक बढ़ाई गई है। शिक्षकों का कहना है कि इसके बाद भी विभाग सही से वरिष्ठता का निर्धारण नहीं तय कर पाएगा। क्योंकि इसमें गुणांक का मामला उलझा हुआ है।
इन जिलों में आपत्तियों का निस्तारण नहीं
अलीगढ़, अमरोहा, औरैया, अयोध्या, बदायूं, बागपत, बलिया, बलरामपुर, बांदा बाराबंकी, बस्ती, बिजनौर, बुलंदशहर, चित्रकूट देवरिया, इटावा, गौतमबुद्ध नगर गाजियाबाद, गोंडा, हापुड़, हाथरस, जौनपुर, कन्नौज, कानपुर देहात कानपुर नगर, कौशांबी, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, लखनऊ, महाराजगंज, मैनपुरी मथुरा, मऊ, मुरादाबाद, पीलीभीत प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, रायपुर, संतकबीरनगर, भदोही, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर और वाराणसी।