नई शिक्षा नीति के तहत बदलाव को विश्वविद्यालयों में सहज तरीके से लागू करने में छात्र ‘सारथी’ की भूमिका निभाएंगे। ये छात्र नई शिक्षा नीति के प्रति साथी छात्रों को प्रोत्साहित करेंगे और इनसे बदलाव के ‘फीडबैक’ भी लिए जाएंगे।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने कहा कि आयोग, नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत परिवर्तनकारी प्रक्रिया में केंद्रीय भूमिका निभाने वाले छात्रों की भूमिका पहचानता है। वे शिक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा को बदलने के लिए सभी प्रमुख हितधारकों, कुलपतियों, निदेशकों, विश्वविद्यालयों, संस्थानों और कॉलेजों के प्रधानाचार्यों, संकाय सदस्यों, कर्मचारियों और सबसे महत्वपूर्ण छात्रों की सामूहिक भागीदारी और प्रतिबद्धता की आवश्यकता है।
अध्यक्ष ने बताया कि एनईपी 2020 में उल्लिखित उच्च शिक्षा प्रणाली में विभिन्न सुधारों के बारे में छात्रों की भागीदारी बढ़ाने और जागरूकता पैदा करने के लक्ष्य के साथ, यूजीसी नई पहल सारथी (स्टूडेंट एम्बेसडर फॉर एकेडमिक रिफॉर्म इन ट्रांसफॉर्मिंग हायर एजुकेशन इन इंडिया) की घोषणा कर रहा है। उन्होंने कहा कि एनईपी सारथी भारत में उच्च शिक्षा को बदलने में राजदूत की भूमिका निभाएंगे।
300 एनईपी सारथी का होगा चयन एनईपी सारथी की संख्या 300 होगी। नामांकन के आधार पर यूजीसी 300 एनईपी सारथी का चयन करेगा। जो छात्र वर्तमान में विभिन्न स्तरों पर उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, वे इस पहल में भाग ले सकेंगे।
विद्यार्थियों की सहभागिता बढ़ाएंगे
यूजीसी प्रमुख ने कहा कि इसका उद्देश्य ऐसे वातावरण को बढ़ावा देना है, जहां छात्र सार्थक रूप से बदलाव से जुड़ सकें और एनईपी 2020 के प्रावधानों का प्रभावी उपयोग करने के लिए छात्रों को सक्रिय प्रतिभागियों के रूप में एक साथ लाया जा सके।
तीन को करेंगे नामांकित
इस पहल के तहत यूजीसी उच्च शिक्षण संस्थानों के कुलपतियों, निदेशकों, प्रधानाचार्यों और शिक्षाविदों से अनुरोध करेगा कि वे अपने संस्थानों से तीन छात्रों को नामांकित करें। किसी भी पाठ्यक्रम के छात्र को एनईपी सारथी के रूप में नामांकित किया जा सकेगा