प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी कॉलेजों में प्रधानाचार्य पद की भर्ती के मामले में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से जानकारी तलब की है। कोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए 25 मई की तिथि निर्धारित की है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने शैलेष कुमार व 11 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याचियों की ओर से तर्क दिया गया कि लोक सेवा आयोग द्वारा विभिन्न सरकारी कॉलेजों में प्रधानाचार्यों के पदों पर रिक्तियों को भरने के लिए 292 पदों का विज्ञापन जारी किया गया था, लेकिन परिणाम 243 उम्मीदवारों का ही घोषित किया गया।
उनकी जानकारी के अनुसार बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को मेरिट सूची से बाहर कर दिया गया है। क्योंकि, बाहर किए गए उम्मीदवारों की उम्मीदवारी लोक सेवा आयोग द्वारा रद्द कर दी गई थी। याचियों की ओर से यह भी कहा गया कि आयोग से प्राप्त सूचना के अनुसार आयोग ने 292 उम्मीदवारों की सूची तैयार की गई थी, लेकिन किसी कारण से कई उम्मीदवारों की उम्मीदवारी खारिज कर दी गई, जिसके परिणामस्वरूप चयनित उम्मीदवारों की सूची में कमी आई.
याचियों ने कहा कि आयोग योग्यता सूची में 25 फीसदी नीचे की मेरिट वालों को सूची में शामिल कर खाली पदों को भरा जा सकता है। यह उत्तर प्रदेश एवं उत्तरांचल की नियमावली के नियम 15 (4) के अनुरूप होगा। इस पर लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता ने जानकारी देने के लिए समय मांगा। कोर्ट ने उन्हें समय देते हुए सुनवाई की तिथि तय कर दी.