सेवा में,
समस्त शिक्षक संगठन
उत्तर प्रदेश
➡️ विषय- बड़के साहब के साथ सकारत्मक वार्ता के सम्बंध में..
हम सभी शिक्षक आप से विनम्र निवेदन करते हैं कि अब सकारात्मक वार्ता करना छोड़ दें क्योंकि बड़के साहब के आने से पहले की भी शिक्षकों की विभागीय समस्या आप व आपके संगठन से नही सुलझ पा रही है। आप प्रान्तीय अध्यक्षों की अकर्मण्यता से जिले के संगठनों को शिक्षकों का किस हद तक कोपभाजन बनना पड़ता है ,शायद आपको इसका संज्ञान नही है। आप ज्ञापन देकर चिर निद्रा में लीन हो जाते हैं।इसका संज्ञान ही नही लेते कि ज्ञापन कूड़ेदान में तो नही फेंक दिया गया है।
आप खुद ही विचार करें कि शिक्षकों की निम्नलिखित समस्याएं अभी तक क्यों व्याप्त हैं—
➡️ बी एड शिक्षकों की 6 माह की ट्रेनिंग 6 माह की न होकर 8 माह,9 माह या 10 माह हुई है तो बकाया मानदेय अभी तक क्यों नही दिला पाए..
➡️ 1 अप्रैल 2005 से NPS लागू है ,अन्य विभागों में उसी माह सरकारी अंशदान क्रेडिट हो जाता है ,लेकिन परिषदीय शिक्षकों को 6 माह बाद क्रेडिट होता है।
➡️ ग्रामीण क्षेत्र में नियुक्त शिक्षकों का तबादला नगरीय क्षेत्र में क्यों नही हो पाता है? जो एक बार ग्रामीण क्षेत्र में नियुक्ति पा गया ,वहीं से रिटायर हो गया।
➡️ 1 अप्रैल 2014 के बाद नियुक्त शिक्षकों को सामूहिक बीमा का लाभ नही मिल रहा, इसके लिए पिछले 9 वर्षों में आपने क्या किया???
➡️ जब प्रदेश में सभी सरकारी कर्मचारियों को अब निःशुल्क चिकित्सा का लाभ मिल रहा है और यहाँ तक UPPCL को भी आंदोलन के द्वारा इसका लाभ मिलने लगा तो आप शिक्षकों के लिए 25000 से 76000 वाला बीमा क्यों लेकर आ गए???
➡️ पिछले 8 वर्षों से शिक्षकों की पदोन्नति नही हो पा रही ,जब हो रही है तो केवल डेट डेट खेली जा रही ,ससमय इसे पूर्ण कराने के लिए आप क्या ठोस कदम उठाए?
अब जबकि महिला शिक्षक संघ भी आ गया है ,तो इस संघ के आने से महिलाओं को क्या लाभ मिला?
➡️ जो CCL 90 दिन का मिलता था उसे घटाकर 30 दिन कर दिया गया। महिला संघ सहित आप सभी कब इसका जबरदस्त विरोध करेंगे?
➡️ शिक्षकों को नाकारा साबित करने के लिए निरीक्षण-कर्ताओं की फौज विभाग ने खड़ी कर दी ,लेकिन आप मौन थे और हैं। और तो और अब वीडियो कॉल से निरीक्षण होगा फिर भी ज्ञापन देकर आप सब शांत हो गए..
➡️ EL वर्ष में हम लोगों को केवल 1 मिल रहा ,उसे बढ़वाने के लिए भी कोई ठोस पहल नही कर पाए..
➡️ प्रतिकर अवकाश जो रविवार आदि अवकाश में बुलाये जाने पर मिलता था ,वह भी खत्म हो गया ,पर आप सब शांत हैं।
➡️ अध्ययन अवकाश जो कि अवैतनिक था ,वह भी खत्म कर दिया गया ,फिर भी आप मौन हैं..
➡️ CCL जो पहले अधिकतम 90 दिन का मिलता था ,वह CCL अब अधिकतम 30 दिन का ही मिलेगा।
इस पर भी आप सब मौन हैं..
➡️ राज्य कर्मचारियों को 15 दिन का पितृत्व अवकाश मिलता है जबकि यह अवकाश परिषदीय शिक्षकों को भी मिलना चाहिए ,लेकिन आप सब इस पर भी मौन हैं।
➡️ आपके सकारात्मक वार्ता करते करते वे प्राथमिक में हेड का पद 150 से कम छात्र संख्या पर खत्म कर दिए ,लेकिन आप मुस्कराकर उनके साथ फोटो ही खिंचाते रह गए…
➡️ बिना मोबाइल या डेटा दिए सभी फीडिंग शिक्षकों पर विभाग द्वारा दबाव डालकर ऑनलाइन करवाई जा रही है। लेकिन आप मौन हैं…
➡️ जनगणना को परिवार सर्वेक्षण का नाम देकर शिक्षकों से स्कूल समय के बाद जबरदस्ती करवाया जा रहा है ,लेकिन आपको यह सब नही दिख रहा है..
अब भी समय है.खुद को चिर निद्रा से जगा लें ,अन्यथा आप और आपका संगठन खत्म होते देर नही लगेगी…