अवकाश सरलीकरण के नाम पर प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की कई छुट्टियां समाप्त कर दी गई हैं। इस संबंध में पिछले महीने स्कूल शिक्षा महानिदेशालय की ओर शासन को भेजे गए पांच सूत्री प्रस्ताव को शासन ने अनुमोदित कर दिया है।
शिक्षक संगठनों का कहना है कि काम का दबाव बढ़ता जा रहा है और जरूरी छुट्टियां भी समाप्त की जा रही है। यह शिक्षकों का उत्पीड़न है। अवकाश की नई व्यवस्था को लेकर शिक्षक संगठन असमंजस की स्थिति में हैं। किसी को यह कतई नहीं भा रहा है तो कुछ इसका स्वागत कर रहे हैं। यूपी प्राथमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष निर्भय सिह का कहना है कि बाल्य देखभाल अवकाश (सीसीएल) अधिकतम एक बार में 30 दिन का करने से महिला शिक्षकों में बहुत रोष है। पहले यह 90 दिन का मिलता था, फिर इसे 45 किया गया और अब 30 दिन का कर दिया है।