प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दूसरे के नाम पर उच्चतर प्राथमिक विद्यालय में नौकरी करने वाले सहायक अध्यापक से भुगतान किए वेतन की वसूली में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने गाजीपुर के राम नवल की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है।
याचिका में 23 दिसंबर 2022 को बीएसए गाजीपुर की ओर से जारी 72, 87,166 रुपये की वसूली को चुनौती दी गई थी। याची पर आरोप है कि वह काजीपुर विकासखंड कासिमाबाद गाजीपुर में सहायक अध्यापक पर अनिल गौर नाम पर नौकरी कर रहा था। वर्ष 2006 में नियुक्ति के बाद से वह सरकार से वेतन भी ले रहा था। गांव के शंभू नाथ तिवारी की शिकायत पर जांच कमेटी ने शिकायत सही पाते हुए 23 जुलाई 2022 को याची को सेवा से बर्खास्त कर दिया।