प्रतापगढ़। जिले के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में तैनात शिक्षकों को विद्यालय से गायब रहना अब भारी पड़ेगा। निपुण भारत मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अब वीडियो कॉलिंग से ऑनलाइन निरीक्षण किया जाएगा। इसके लिए पांच सदस्यीय मूल्यांकन प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने बीएसए और डायट प्राचार्य को इस संबंध में पत्र जारी किया है।
जिले में 2264 प्राइमरी और पूर्व माध्यमिक स्कूलों में 2.85 लाख बच्चे अध्ययनरत हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के इन विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए शासन ने कवायद तेज हो गई है। परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों के क्रम में अभिनव कदम उठाया है।
इन विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों की वीडियो, वायस कॉल से निगरानी की जाएगी। इसके लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में मूल्यांकन प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। जहां से प्रतिदिन 10 विद्यालयों का पर्यवेक्षण किया जाएगा। वर्तमान में शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार की कवायद के बीच शिक्षकों की उपस्थिति, ऑपरेशन कायाकल्प, निपुण भारत आदि कार्यक्रमों का पर्यवेक्षण व औचक निरीक्षण किया जा रहा है।
बीते शैक्षिक सत्र में जिला स्तर से कराए गए निरीक्षण में काफी संख्या में अनुपस्थित मिले शिक्षकों के खिलाफ वेतन काटने की कार्रवाई की गई थी। मूल्यांकन प्रकोष्ठ में डायट प्राचार्य, एक वरिष्ठ प्रवक्ता, दो प्रवक्ता और तकनीकी सहायक शामिल होंगे।
निपुण भारत मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पांच सदस्यीय मूल्यांकन प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। वीडियो कॉलिंग से शिक्षकों की उपस्थिति और पठन-पाठन के गतिविधियों की जानकारी हासिल करके शिक्षकों की मनमानी पर रोक लगाने का प्रयास किया जाएगा। अशोक कुमार सिंह, प्राचार्य, डायट