प्रयागराज इस साल के पांच माह बीत चुके हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों में अर्हता का निर्धारण नहीं हो सका। हर माह बड़ी संख्या में अभ्यर्थी ओवरएज हो रहे हैं और भर्तियों में देरी के कारण भविष्य के रास्ते बंद होते जा रहे हैं।
आयोग को एलटी ग्रेड शिक्षक के तकरीबन छह हजार पदों, प्रवक्ता के 60 से अधिक पदों, अपर निजी सचिव (एपीएस) के तीन सौ से अधिक पदों का अधियाचन मिला चुका है।
इसके अलावा समीक्षा अधिकारी (आरओ)/ सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) के पदों का अधियाचन भी मिल चुका है, लेकिन इन सभी भर्तियों में समकक्ष अर्हता का पेच फंसा हुआ है।
इन सभी भर्तियों के लिए आयोग को पिछले साल ही पदों के याचन मिल चुके हैं। आयोग ने समकक्ष अर्हता पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए शासन को पत्र भी लिखा था। इसके बाद कई रिमांइडर भी भेजे विभागों को भी पत्र लिखे गए, लेकिन अब तक समकक्ष अर्हता को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की जा सकी है।
आरओ/एआरओ के पदों पर सका था। पिछली भर्ती का विज्ञापन वर्ष 2021 में जारी किया गया था। इसके बाद कोई नया विज्ञापन नहीं आया एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती का पिछला विज्ञापन वर्ष 2018 में जारी किया गया था।
पांच साल से अभ्यर्थी नए विज्ञापन का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, एपीएस भर्ती का पिछला विज्ञापन वर्ष 2023 में जारी हुआ था, लेकिन यह भर्ती अब तक पूरी नहीं हुई.
आयोग को तीन साल पहले एपीएस के रिक्त पदों का अधियाचन मिला था, लेकिन यह भर्ती भी समकक्ष अहंता के विवाद में फंसी रह गई। यही वजह है कि आयोग ने जब वर्ष 2023 का कैलेंडर जारी किया, तब इन सभी भर्तियों के लिए रिक्त पदों का अधियाचन मिलने के बावजूद भर्तियों को कैलेंडर में शामिल नह किया गया, क्योंकि तब तक समकक्ष अर्हता का निर्धारण नहीं हो सका था
वर्ष 2023 के भी पांच महीने बीतने जा रहे हैं, लेकिन सभी प्रमुख भर्तियां फंसी हुई हैं। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभार प्रशांत पांडेय का कहना है कि हर माह बड़ी संख्या में अभ्यर्थ ओवरएज हो जाते हैं और आयोग की भर्तियां वर्षों से लंबित पड़ी हैं। ऐसे हर माह कई अभ्यर्थी ओवरएज होने के कारण भर्तियों की दौड़ से बाहर होते जा रहे हैं। ऐसे में समिति मांग करती है कि शासन समक अहंता पर स्थिति शीघ्र स्पष्ट करे।