यूपी बोर्ड के स्कूलों ने हाईस्कूल के आंतरिक मूल्यांकन के जो अंक पोर्टल पर अपलोड किए थे, उससे कम नंबर अंकपत्र पर चढ़ गए। इसके चलते हजारों छात्र-छात्राओं की मेरिट बिगड़ गई है। कई स्कूलों का दावा है कि उन्होंने 30 अंकों के आंतरिक मूल्यांकन में छात्र-छात्राओं को 28 से 30 अंक दिए थे, लेकिन बोर्ड की ओर से प्राप्त अंकपत्र में 8 से 10 नंबर ही दिख रहे हैं। छात्र-छात्राओं को 120 अंकों तक का नुकसान हुआ है।
इसके कारण जिन छात्रों की मेरिट 85 से 90 प्रतिशत होनी चाहिए थी, उनकी मेरिट 65 से 70 फीसदी के बीच सिमटकर रह गई है। जानकारों की मानें तो पब्लिक इंटर कॉलेज मनौरी, शेरवानी इंटर कॉलेज सल्लाहपुर, आदर्श हाईस्कूल डाहीनुमाया, जगपत सिंह सिंगरौर मकनपुर, विद्या मंदिर इंटर कॉलेज गांजा, महर्षि दयानंद इंटर कॉलेज मनौरी समेत कई स्कूलों के हाईस्कूलों के परीक्षार्थियों के नंबर कम हुए हैं। गौरतलब है कि पांच दिन के अवकाश के बाद सोमवार को पहले दिन ग्रीवांस सेल में सुबह 10 से पांच बजे तक कुल 57 आपत्तियां दर्ज की गई।
हाईस्कूल के आंतरिक मूल्यांकन के जो अंक स्कूलों ने ऑनलाइन अपलोड किए थे, वहीं अंकपत्र में प्रदर्शित हो रहे हैं। इसके बावजूद ग्रीवांस सेल में यदि किसी स्कूल की शिकायत मिली है तो उसकी जांच कराई जाएगी।
दिब्यकांत शुक्ल, सचिव यूपी बोर्ड
ज्योति बालिका इंटर कॉलेज पुरामुफ्ती के हाईस्कूल के 132 छात्र-छात्राओं के आंतरिक मूल्यांकन के नंबर कम हो गए। आंतरिक मूल्यांकन और अंकपत्र पर बोर्ड से मिले अंक में अंतर होने के कारण छात्र-छात्राओं और अभिभावकों ने स्कूल में पहुंचकर आक्रोश जताया। प्रधानाचार्या मंजुल की ओर से सोमवार को यूपी बोर्ड के प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय में खुली ग्रीवांस सेल में शिकायत दर्ज कराई गई।
मां गायत्री माध्यमिक कन्या विद्यालय लालगंज रायबरेली के इंटर के छात्र आकाश कुमार ने सभी विषयों की प्रायोगिक परीक्षा दी थी। लेकिन जीव विज्ञान के प्रैक्टिकल का नंबर नहीं चढ़ने के कारण उसे 12वीं के रिजल्ट में फेल कर दिया गया है। श्रीमति विद्या देवी गुरुदेव सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रायपुर कानपुर देहात के छात्र शिव सागर सिंह ने इंटर की परीक्षा एकल विषय ड्राइंग टेक्निकल से दी थी। लेकिन अंकपत्र में उसे अनुपस्थित दिखाकर फेल कर दिया गया।