बारहवीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की पुस्तक में खालिस्तान, या एक अलग सिख राष्ट्र का जिक्र अब पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं होगा। एनसीईआरटी ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पत्र के बाद सिख समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री को पाठ्यक्रम से हटा दिया है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि शिकायत पर गौर करने को एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। उनकी सिफारिश पर यह निर्णय लिया गया है। सॉफ्ट कॉपी भी एनसीईआरटी की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है।
एसजीपीसी ने कहा था कि सिखों को अलगाववादियों के रूप में चित्रित करना बिल्कुल भी उचित नहीं है और एनसीईआरटी को इस तरह के अत्यधिक आपत्तिजनक उल्लेखों को हटा देना चाहिए। आनंदपुर साहिब प्रस्ताव एक ऐतिहासिक दस्तावेज है, जिसमें कुछ भी गलत नहीं है। वर्ष 2006 में पाठ्यक्रम को किताब में शामिल किया गया था।